Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़accused sentenced to 30 years in gangrape case crime with a girl sleeping on railway platform

गैंगरेप केस में 3 को 30-30 साल की सजा, रेलवे प्‍लेटफार्म पर सो रही लड़की के साथ की थी वारदात 

प्‍लेटफार्म पर सो रही युवती को आधी रात में तीन युवकों ने अगवा कर धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे झाड़ियों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। करीब 16 महीने बाद तीनों आरोपितों को 30 साल की सजा मिली है।

Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, गोरखपुरTue, 30 Jan 2024 11:04 AM
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Gang Rape case: गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन के प्‍लेटफार्म नम्बर एक के आउटर पर सो रही महराजगंज की युवती को आधी रात में तीन युवकों ने अगवा कर धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे झाड़ियों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। करीब 16 महीने बाद कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपितों को दोषी मानते हुए 30 साल की कठोर सजा व प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है।

गैंगरेप का जुर्म सिद्ध होने पर अपर जनपद न्यायाधीश/ फास्ट ट्रैक कोर्ट मनोज कुमार ने देवरिया जिले के सलेमपुर थाना क्षेत्र के भटवा धर्मापुर वार्ड नंबर पांच निवासी राजा अंसारी उर्फ इम्तियाज मोहम्मद अंसारी, शाहपुर थाना क्षेत्र के कृष्णा नगर प्राइवेट कालोनी निवासी संतोष चौहान और धर्मशाला पुरानी फलमंडी की दुकान के पास रहने वाले अंकित पासवान को सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर एक-एक साल का कारावास अलग से भुगतना पड़ेगा।

महराजगंज निवासी 18 वर्षीय युवती का अपने पति से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। नाराज होकर वह घर से गोरखपुर चली आयी। रहने का कोई ठिकाना न होने पर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के आउटर और धर्मशाला बाज़ार पुल के बीच में गुजारा कर रही थी। 7 सितम्बर 2022 की रात में 10 से 11 बजे के बीच युवती के पास दो लड़के पहुंचे और अकेला पाकर छेड़छाड़ करने लगे। विरोध करने पर अ़गवा कर धर्मशाला बाज़ार सब्जी मंडी के पास रेलवे लाइन किनारे झाड़ी में उठा ले गए। इस दौरान उनके दो अन्य साथी भी पहुंच गए। सभी युवकों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया। पीड़ित के शोर मचाने पर पीटने के साथ ही यातना भी दी।

आरोपितों के चंगुल से छूटने के बाद पीड़िता लहूलुहान स्थित में जीआरपी थाना पहुंची। युवती से दरिंदगी की खबर मिलते ही एसपी रेलवे के साथ ही एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई जीआरपी थाने पहुंच गए। पीड़िता को एंबुलेंस से बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचाया गया, जहां उसका आपरेशन करना पड़ा था। पुलिस ने आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल पहुंचा दिया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश चंद पांडेय एवं सिद्धार्थ सिंह ने सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

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