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गोरखपुर में जेल से रिहा होने के बाद मांगों पर अड़े ABVP नेता, आंदोलन तेज करने का अल्‍टीमेटम 

फीस वृद्ध‍ि के खिलाफ उग्र आंदोलन के बीच वाइस चांसलर और रजिस्‍ट्रार से बदसलूकी में जेल जा चुके अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता जमानत पर रिहा होने के बाद अपनी मांगों पर अड़ गए हैं।

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान , गोरखपुरSat, 5 Aug 2023 11:52 AM
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DDU News: फीस वृद्ध‍ि के खिलाफ उग्र आंदोलन के बीच वाइस चांसलर और रजिस्‍ट्रार से बदसलूकी में जेल जा चुके अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता जमानत पर रिहा होने के बाद अपनी मांगों पर अड़ गए हैं। एबीवीपी की ओर से भी डीडीयू प्रशासन से शुल्क वृद्धि और कार्यकर्ताओं का निष्कासन वापस लेने की मांग की गई है। एबीवीपी ने चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द ही इस पर निर्णय नहीं लिया गया तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा। 

जेल में बंद कार्यकर्ताओं के रिहा होने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नए तेवर में दिख रही है। एबीवीपी के गोरक्ष प्रांत मंत्री सौरभ गौंड, गोरक्ष प्रांत सहमंत्री मयंक राय, प्रांत राज्य विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख ऋषभ सिंह, प्रांत मीडिया संयोजक अनुराग मिश्र, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सौम्या गुप्ता, विश्वविद्यालय इकाई सह मंत्री शिवम पांडेय ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय की समस्याओं के निस्तारण तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।

कहा कि आंदोलन के क्रम में कुलपति की प्रतीकात्मक शव यात्रा, बुद्धि-शुद्धि यज्ञ, पत्रक वितरण, छात्र संवाद, मशाल यात्रा आदि के माध्यम से अपना विरोध जताते रहेंगे। समय आने पर आंदोलन को जन आंदोलन का रूप देंगे।

कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा गोरखपुर विश्वविद्यालय की समस्याओं के निस्तारण के उद्देश्य से लोकतांत्रिक रूप से किया गया आंदोलन विश्वविद्यालय के कुलपति की संवादहीनता तथा संवेदनहीनता की भेंट चढ़ गया। अभी भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा उठाई गई समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है।

बंद लिफाफे में आज कर सकेंगे शिकायत
डीडीयू में 21 जुलाई को हुए विवाद से जुड़ी शिकायत के लिए एक सदस्यीय न्यायिक जांच समिति का गठन किया गया है। समिति में विवाद से जुड़े किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए 5 अगस्त तक का समय निर्धारित किया गया है। डीडीयू प्रशासन द्वारा जारी सूचना में बताया गया है कि 21 जुलाई को गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई घटना के संदर्भ में विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं एवं अन्य कोई भी व्यक्ति अपनी बात कहना चाहता है, तो वे अपनी बात लिखित रूप में नाम, हस्ताक्षर व पता सहित 5 अगस्त तक कार्यालय अवधि सुबह 10 से शाम 5 बजे तक प्रशासनिक भवन स्थित सूचना केंद्र पर बंद लिफाफा में उपलब्ध करा सकते हैं।

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