राजू पाल हत्याकांड में फरार एक लाख के इनामी अब्दुल कवि सीबीआई कोर्ट में सरेंडर, 18 साल बाद सामने आया शातिर
प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड में फरार चल रहे अतीक अहमद के गुर्गे 1 लाख के इनामी अब्दुल कवि ने बुधवार शाम लखनऊ की CBI कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इलाहाबाद के चर्चित राजू पाल हत्याकांड के आरोपी एवं शूटर अब्दुल कवि ने बुधवार को लखनऊ की सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट की न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया। कोर्ट ने आरोपी को सात अप्रैल तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
पत्रावली के अनुसार अब्दुल कवि घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। सीबीआई की पकड़ से भी बाहर था। सीबीआई ने इस मामले में 10 आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया है। चार्जशीट में अब्दुल कवि को फरार दिखाया गया है। इस कारण गत वर्ष 23 मार्च को उसकी पत्रावली अलग कर दी गई थी। अब्दुल कवि की हाजिरी के लिए नियमित गिरफ्तारी वारंट 15 जुलाई 2022 को जारी किया गया।
अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था
इसके बावजूद सीबीआई जब उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी तब न्यायालय ने 17 दिसंबर 2022 को उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट के साथ-साथ भगोड़ा घोषित किए जाने का आदेश दिया। इसी क्रम में उसे 16 फरवरी 2023 को अदालत ने फरार घोषित कर दिया। अदालत ने अब्दुल कवि के बैंक अकाउंट को फरारी के चलते 10 मार्च 2023 को सीज किए जाने का आदेश दिया था।
इस मामले में अन्य आरोपियों के विरुद्ध सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा की अदालत में गवाही चल रही है। मंगल पाल की गवाही दर्ज की गई है । अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तिथि नियत की है।
क्या था मामला
घटनाक्रम के अनुसार 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस गोलाबारी में देवी पाल एवं संदीप यादव की भी मौत हो गई थी तथा दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना की रिपोर्ट राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में दर्ज कराई थी। जिसमें अतीक अहमद एवं उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद आदिम को नामजद किया गया था।