Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़9 month old child dialysis done after watching you tube death allegation of gross negligence in kgmu

यू-ट्यूब देखकर कर दी 9 महीने के बच्चे की डायलिसिस, थम गईं सांसें; KGMU में बड़ी लापरवाही का आरोप 

KGMU ट्रामा सेंटर में शुक्रवार को एक और बच्चा चिकित्सीय लापरवाही का भेंट चढ़ गया। आरोप है कि नौ माह के बच्चे के इलाज के नाम पर अप्रशिक्षित स्टाफ ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर डायलिसिस कर दी।

Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, लखनऊSat, 29 June 2024 01:19 PM
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Child's dialysis: केजीएमयू ट्रामा सेंटर में शुक्रवार को एक और बच्चा चिकित्सीय लापरवाही का भेंट चढ़ गया। आरोप है कि नौ माह के बच्चे के इलाज के नाम पर अप्रशिक्षित स्टाफ ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर डायलिसिस कर दी। नतीजतन बच्चे की मौत हो गई। इस दौरान डॉक्टर अपने कमरे में सो रहे थे। मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया तो मामला सामने आया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो केजीएमयू ने सफाई जारी की।

गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर निकट नंदा नगर निवासी जितेंद्र यादव के बेटे अभ्युदय को डायरिया हुआ था। परिवारीजनों ने स्थानीय अस्पताल में दिखाया पर फायदा नहीं हुआ तो 14 जून को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। चौथे तल के वार्ड एक में बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। शटरिंग का काम करने वाले पिता जितेंद्र यादव का आरोप है कि डॉक्टर-कर्मचारियों ने हालत गंभीर होने के बावजूद ध्यान नहीं दिया। बच्चे के मामा प्रवीन यादव का आरोप है कि सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसके गले में गंदगी फंसी थी। मशीन से उसे निकालने (सक्शन) की गुजारिश की। डॉक्टर व कर्मचारियों ने फरियाद को अनसुना कर दिया। परिवारीजनों ने मशीन से गले में फंसी गंदगी साफ की, जिससे बच्चे को कुछ देर राहत मिली। इसके बाद मासूम को एम्बुबैग के सहारे रखा गया। प्रवीन का आरोप है कि लगातार पल्स रेट कम हो रही थी और वह शुक्रवार तड़के जिंदगी की जंग हार गया। इससे नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। कर्मचारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। परिवारीजनों का आरोप है कि रात में वार्ड में कोई भी डॉक्टर नहीं था। एक डॉक्टर कमरे में सो रहे थे। कर्मचारियों से कई बार उनको जगाने की गुजारिश की लेकिन किसी ने जहमत नहीं उठाई।

इलाज के बावजूद बिगड़ती गई तबीयत

जैसे-जैसे इलाज आगे बढ़ा वैसे-वैसे बच्चे का मर्ज बढ़ता गई। डायरिया के साथ बच्चे को दूसरी दिक्कत होने लगी। निमोनिया, पैन्सीटोपेनिया व सेप्सिस समेत दूसरी समस्याओं ने घेर लिया। उसे सांस लेने में दिक्कत होने लग गई। गुर्दों ने भी काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरों ने डायलिसिस की जरूरत बताई।

पैरामेडिकल स्टाफ का वीडियो वायरल

आरोप है कि यू-ट्यूब पर देखकर पैरा मेडिकल स्टाफ ने डायलिसिस की। नतीजतन उसकी हालत और गंभीर हो गई। इलाज के दौरान बच्चे का काफी रक्तस्राव हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई। वायरल वीडियो में एक महिला पैरामेडिकल स्टाफ मोबाइल पर देखती नजर आ रही है। हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

मेरे बच्चे को बचा लो, इसकी सांसें चल रही हैं...

बच्चे की मौत के बाद परिजनों को बिलखता देख सबकी आंखें नम हो गईं। पिता कह रहा था कि मेरे बच्चे को बचा लो। वह जिंदा है। उसकी सांसें भी चल रही हैं। आप लोग तो केजीएमयू के डॉक्टर हैं। मुझे नहीं पता था कि आप लोग इतने संवेदनहीन हैं। बच्चा तड़प रहा है। आप लोग उसे देखने तक की जहमत नहीं उठा रहे हैं। वह यह गुहार लगाते रहे और बच्चे की सांसें उखड़ गईं।

केजीएमयू ने आरोपों को बताया निराधार 
केजीएमयू के प्रवक्‍ता डा. सुधीर सिंह ने कहा कि बच्चे को डायरिया, निमोनिया, पैन्सीटोपेनिया समेत अन्य बीमारियों के लक्षण थे। सेप्सिस हो गया था। डॉक्टरों ने बच्चे को इलाज मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। परिवारीजनों के आरोप बेबुनियाद हैं।

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