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69000 शिक्षक भर्ती : हाईकोर्ट से रोक हटने के बाद भी अभी नहीं शुरू हो सकती काउंसिलिंग, जानिए कारण 

पहले कट ऑफ और फिर विवादित उत्तमाला...। 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के बाद से अब तक इन दो कारणों से हाईकोर्ट भर्ती प्रक्रिया को रोक चुका है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी कट ऑफ अंकों को लेकर शिक्षा...

Deep Pandey विशेष संवाददाता, लखनऊSat, 13 June 2020 09:57 AM
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पहले कट ऑफ और फिर विवादित उत्तमाला...। 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के बाद से अब तक इन दो कारणों से हाईकोर्ट भर्ती प्रक्रिया को रोक चुका है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी कट ऑफ अंकों को लेकर शिक्षा मित्रों के लिए 37339 पद होल्ड न करने की स्थिति में भर्ती पर रोक लगाने को कह चुका है। शुक्रवार को डबल बेंच ने विवादित उत्तरमाला मामले में रोक हटा दी है लेकिन हाईकोर्ट से रोक हटने के बाद भी अभी काउंसिलिंग शुरू नहीं हो सकती।

राज्य सरकार 9 जून को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर कर रही है। इस मामले में फैसला आने के बाद ही भर्ती की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा। 3 जून को ही इस भर्ती की काउंसिलिंग शुरू हुई थी और दोपहर तक इस पर रोक लगा दी गई। 

कटऑफ व विवादित उत्तरमाला पर लगी रोक
इस भर्ती की लिखित परीक्षा 6 जनवरी, 2019 को हुई और कटऑफ नंबर जारी करने के बाद ही इस पर रोक लग गई। 6 मई,2020 को कटऑफ मामले में हाईकोर्ट ने 60 व 65 फीसदी के पक्ष में फैसला देते हुए रोक हटा दी थी। लेकिन इसके बाद विवादित उत्तरों को लेकर  3 जून को भर्ती प्रक्रिया पर फिर से रोक लगा दी गई। जिस पर सरकार ने डबल बेंच में याचिका दायर की और शुक्रवार को रोक हटा ली गई।

कटऑफ मामला पहुंच चुका है सुप्रीम कोर्ट
लेकिन शिक्षामित्र 6 मई को आए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं और कट ऑफ अंक 40 व 45 करने की मांग कर रहे हैं।  9 जून को सुप्रीम कोर्ट ने कट ऑफ मामले में  37339 पद होल्ड न करने की स्थिति में भर्ती पर रोक लगाने की बात कही है। 

विवादित उत्तरमाला पर फैसला आना बाकी
हाईकोर्ट में 3 जून को स्टे लगाते हुए विवादित उत्तरमाला पर विशेषज्ञों की राय लेने की बात कही गई है। लिहाजा अभी सिर्फ रोक हटी है इस पर फैसला आना बाकी है। सिर्फ यहीं नहीं इस भर्ती में इसके अलावा और भी कई याचिकाओं की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। आरक्षण में ओवर लैपिंग, भारांक पर विवाद, एमआरसी मुद्दा, सामान्य गरीब को आरक्षण और 68500 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों को एनओसी दिए समेत कई अन्य मामले भी हाईकोर्ट में है।

विवादित रहती हैं भर्तियां

बेसिक शिक्षा विभाग में कहा जाता है कि कोई भी भर्ती बिना कोई कोर्ट जाए तय नहीं होती। इससे पहले हुई 68,500 शिक्षक भर्ती में भी जिला आवंटन समेत कई अन्य मामले न्यायालय में हैं। इनकी सुनवाई अब भी चल रही है। वहीं दिसम्बर 2016 में हुई 12460 शिक्षक भर्ती के वे अभ्यर्थी अब भी भटक रहे हैं जिनके जिलों में शून्य रिक्तियां थीं। 

कब क्या हुआ

-1 दिसम्बर, 2018 को जारी हुआ 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का आदेश
-6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा हुई 
-7 जनवरी, 2019 को आर्हता अंक तय हुए  
- 600 से ज्यादा याचिकाएं दायर
-30 मार्च, 2020 को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
- 6 मई को हाईकोर्ट ने 60/65 कटऑफ अंक के पक्ष में फैसला सुनाया
- 12 मई को लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी
-13 मई को शिक्षक भर्ती के लिए समयसारिणी जारी
-18 मई से लिए जा गए शिक्षक भर्ती के आवेदन
- 3 जून से शुरू हुई काउंसिलिंग लेकिन हाईकोर्ट ने लगाई रोक
-5 जून को डबल बेंच में याचिका दायर
-12 जून को हाई कोर्ट की डबल बेंच ने रोक हटाई
 
 

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