68500 शिक्षक भर्ती मामला: जांच समिति ने 19 सितंबर तक मांगे साक्ष्य
प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 68500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों की जांच कर रही समिति ने संबंधित पक्षों को 19 सितंबर तक साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दिया है। जांच...
प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 68500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों की जांच कर रही समिति ने संबंधित पक्षों को 19 सितंबर तक साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दिया है।
जांच कमेटी के अध्यक्ष व प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी ने बुधवार को विज्ञप्ति जारी करके सभी संबंधित पक्षों को सूचित किया कि यदि कोई सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के संबंध में कोई अभिलेख या साक्ष्य प्रस्तुत करने को इच्छुक हो तो वह 13 से 19 सितंबर तक सुबह 9.30 से 11 बजे के बीच उनके कैम्प कार्यालय पर प्रस्तुत कर सकता है। उनका कैम्प कार्यालय 17 न्यू बेरी रोड पर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के नतीजों में गड़बड़ी की खबरें आने के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए यह जांच कमेटी गठित की थी। साथ ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को निलम्बित करते हुए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा व रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं जीवेंद्र सिंह ऐरी को हटा दिया था। सुत्ता सिंह की जगह मेरठ के संयुक्त शिक्षा निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी को परीक्षा नियामक प्रधिकारी का सचिव बनाया गया और सर्व शिक्षा अभियान में तैनात अजय कुमार को रजिस्ट्रार बनाया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में अपर शिक्षा निदेशक रूबी सिंह को बेसिक शिक्षा परिषद का सचिव बनाया गया है। जांच कमेटी में सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक वेदपति मिश्रा और बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह को सदस्य बनाया गया है। यह समिति भर्ती में हुई अनियमितताओं की गहन जांच कर रही है। यह कमेटी दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों का उत्तरदायित्व तय करते हुए रिपोर्ट देगी। साथ ही अगली लिखित परीक्षा को चाक चौबंद रखने के लिए सुझाव भी देगी।