Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़4 PCS officers trapped in Defense Corridor land scam preparation for FIR

डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में 4 पीसीएस अफसर फंसे, एफआईआर की तैयारी  

राजधानी लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में चार पीसीएस अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। इस मामले में एफआईआर की भी तैयारी है। इस मामले में केस दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

Deep Pandey ज्ञान प्रकाश, लखनऊWed, 20 Dec 2023 09:56 AM
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लखनऊ में सरोजनीनगर के भटगांव में हुए डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में चार पीसीएस अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। इस मामले में एफआईआर की भी तैयारी है। घोटाले में तीन दशक पूर्व के अधूरे पट्टे को भूमिधरी दिखाते हुए 2019 से 2021 के बीच राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर दिया गया था। अब इस मामले में केस दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।  डीएम स्तर से जांच के बाद कमिश्नर प्रयागराज और कमिश्नर लखनऊ मंडल ने जांच की थी। इस जांच में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमरपाल को भी जिम्मेदार पाया गया है।

आरोप है कि जमीन की बिक्री के लिए उन्होंने दस्तावेजों को ठीक से जांचा नहीं। उनके अलावा उस अवधि में सरोजनीनगर एसडीएम पद पर तैनात रहे सूर्यकांत त्रिपाठी, डॉ. संतोष कुमार, शंभु शरण भी जिम्मेदार माने गए हैं। शंभु शरण तब तहसीलदार थे जो बाद में पीएसएस में प्रोन्नत होकर एसडीएम बने।

जांच में खुलासा, इन अफसरों की भी रही तैनाती
पीसीएस अफसरों के अलावा लेखपाल रमेश चन्द्र प्रजापति, लेखपाल हरिश्चन्द्र, कानूनगो राधेश्याम , कानूनगो अशोक सिंह, कानूनगो रत्नेश सिंह, कानूनगो जितेन्द्र सिंह के नाम भी जिम्मेदारों में हैं। इनमें कुछ समय पहले राजस्व परिषद को दिए गए प्रत्यावेदन के आधार पर नाम हटाए और जोड़े गए हैं। सूत्रों के अनुसार कमिश्नर की जांच में कुछ प्रमुख बिन्दुओं को आधार बनाया गया। जैसे 35 साल पहले 1985 में अधूरे पट्टे 2019 से 2021 में क्यों दर्ज हुए। इस तरह करीब 90 पट्टे हो गए। खसरे में 35 साल पहले इन भूमिधरों का जिक्र क्यों नहीं था?

इन अधिकारियों ने की थी जांच
कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब, उस समय तैनात रहे जेसीपी नीलाब्जा चौधरी, उप भूमि व्यवस्था आयुक्त राजस्व परिषद भीष्म लाल वर्मा, डॉ. रोशन जैकब, मंडलायुक्त, तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी, अपर आयुक्त लखनऊ मंडल रण विजय यादव और उप भूमि व्यवस्था आयुक्त राजस्व परिषद भीष्म लाल वर्मा ने जांच की थी। जांच में पट्टा पत्रावली, विनमय आदि मूल दस्तावेजों और तथ्यों को देखा गया।

कमिश्नर  डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट ने जांच को खारिज नहीं किया है। जांच में जिन लोगों को दोषी पाया गया है वे किसी सूरत में बचेंगे नहीं। उन पर कार्रवाई तय है।
 

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