दूषित पानी के बताशे खाकर 250 मरीज अस्पताल पहुंचे, रहें सावधान
सड़क किनारे खुले में बिकने वाली खाने पीने की वस्तुएं सेहत बिगाड़ रही हैं। इनके सेवन से सबसे ज्यादा पेट संबंधी बीमारी हो रही है। केजीएमयू में 20 अप्रैल से पांच जून के दौरान ऐसे 250 मरीज पहुंचे हैं।
सड़क किनारे खुले में बिकने वाली खाने पीने की वस्तुएं सेहत बिगाड़ रही हैं। इनके सेवन से सबसे ज्यादा पेट संबंधी बीमारी हो रही है। केजीएमयू गेस्ट्रोमेडिसिन विभाग की ओपीडी में 20 अप्रैल से पांच जून के दौरान ऐसे 250 मरीज पहुंच चुके हैं। ओपीडी में आए इन मरीजों में से ज्यादातर को पेट दर्द, डायरिया, उल्टी व पीलिया की समस्या थी।
गेस्ट्रो मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा का कहना है कि 15 से 45 साल के लोग सबसे ज्यादा बीमारी के शिकार होकर अस्पताल पहुंचे हैं। इनमें 100 महिलाएं व 150 पुरुष शामिल हैं। बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए इन मरीजों से जानकारी जुटाई गई। महिलाओं ने पानी के बताशे, गन्ने का रस पीने के बाद पेट संबंधी समस्या होने की बात बताई। पुरुषों ने ठेले पर बिकने वाले भोजन व डिब्बे में भरे पानी पीने की बात बताई। कुछ मरीजों ने बताया कि खुले में बिकने वाले मीट का सेवन करने के बाद उल्टी व पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे। जांच में 30 फीसदी मरीजों में पीलिया के लिए जिम्मेदार हेपेटाइटिस ए और ई की पुष्टि हुई। 50 फीसदी मरीजों में आंतों के संक्रमण का पता चला, जबकि 20 फीसदी टायफाइड, उल्टी, बुखार जैसी समस्या के शिकार बने।
बासी और दूषित भोजन-पानी खतरनाक
डॉ. सुमित के मुताबिक सेहत को सबसे ज्यादा प्रभावित दूषित भोजन और पानी करते हैं। टाइफॉयड गंदा पानी पीने से होता है। बासी और दूषित भोजन-पानी से संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया, वायरस व पैरासाइट्स आसानी से पनप आते हैं। इससे फूड प्वॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि गन्ने का रस सबसे ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि इस पर मक्खियां बैठती हैं। ये फीको ओरल ट्रांसमिशन आसानी फैलाती हैं। इसी तरह पानी के बताशे से भी संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि अगर लोग घर से बाहर निकलें तो अपना पानी और खाने की वस्तुएं साथ में लेकर चलें और बाहरी चीजों से परहेज करें।