UP जल निगम का सरकारी विभागों पर 2100 करोड़ का बकाया, 4 महीने से वेतन-पेंशन नहीं मिल रहा
उत्तर प्रदेश जल निगम की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पिछले चार महीनों से इस निगम के 11 हजार कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। यही नहीं 14 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन का भी...
उत्तर प्रदेश जल निगम की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पिछले चार महीनों से इस निगम के 11 हजार कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। यही नहीं 14 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन का भी भुगतान नहीं हो पाया है। एक महीने का वेतन और पेंशन बांटने के लिए निगम प्रबंधन को करीब 70 करोड़ रुपये की दरकार होती है। यह नौबत तब है जब इस निगम का विभिन्न सरकारी विभागों पर करीब 2100 करोड़ रुपये बकाया हैं।
जल निगम समन्वय समिति के संयोजक इंजीनियर वाई.एन.उपाध्याय के अनुसार सबसे ज्यादा बकाएदारी नगर विकास विभाग पर हैं। नदी प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सृजित परिसम्पत्तियों के संचालन व रख रखाव के लिए वर्ष 2011-12 से 2018-19 की 409 करोड़ रुपये, ग्रामीण क्षेत्र में अनुरक्षण कार्यो के तहत पाइप पेयजल योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए वर्ष 2017-18 से 2019-20 के बीच का 1165 करोड़, झांसी जल संस्थान की बबीना पेयजल परियोजना का 1968 से जून 2020 का 389 करोड़ रुपये मुख्य बकाएदारी है।
उन्होंने बताया कि 1975 में जल निगम की स्थापना से ही इसकी आय का स्रोत निगम द्वारा कार्यदायी संस्था के रूप में करवाये गये कार्यों पर अर्जित की गई सेण्टेज की धनराशि ही होती है। पहले यह परियोजना की कुल लागत का 22 प्रतिशत हुआ करती थी जो बाद में 12.50 प्रतिशत कर दी गई।
उपाध्याय के अनुसार अगर यही बकाया राशि ही निगम प्रबंधन को मिल जाए तो कुछ समय के लिए तो आर्थिक संकट दूर हो ही सकता है। उधर, जल निगम-जल संस्थान मजदूर यूनियन ने जल निगम की बदहाल वित्तीय स्थिति दूर किए जाने, समय से वेतन व पेंशन आदि का भुगतान करवाए जाने आदि मांगों को लेकर आगामी 19 सितम्बर से जल निगम मुख्यालय पर घेरा डालो-डेरा डालो आन्दोलन का एलान कर दिया है। तब तक अगर हालात न सुधरे तो जल निगम समन्वय समिति भी इस आन्दोलन में शामिल होने पर विचार कर सकती है।