सोने से जड़े गए राममंदिर के 14 दरवाजे, इस दिन तक पूरा हो जाएगा 8 एकड़ में बन रहे परकोटे का काम
श्रीराम मंदिर के भूतल में लगने वाले 18 में से 14 दरवाजों का निर्माण पूरा हो गया है। इन दरवाजों को स्वर्ण जड़ित भी कर दिया गया है। आठ एकड़ में बन रहे परकोटे का काम 31 दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा।
Ram Temple: अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर के भूतल में लगने वाले 18 में से 14 दरवाजों को स्वर्ण जड़ित कर दिया गया है। आठ एकड़ में बन रहे परकोटा का काम भी 31 दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पहले ये स्वागत के लिए तैयार होगा।
राम मंदिर और इससे जुड़ी तमाम परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा को लेकर पांच घंटे से अधिक समय तक भवन निर्माण समिति की बैठक चली। समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एलएण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने बताया कि राम मंदिर के भूतल में लगने वाले 18 दरवाजों में से 14 दरवाजों का निर्माण पूरा हो गया है और इन दरवाजों को स्वर्ण जड़ित भी कर दिया गया है।
इसकी पुष्टि श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र ने भी 'हिन्दुस्तान' से की। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के भूतल में करीब 166 स्तम्भों को लगाया गया है जिस पर आइकोनोग्राफी से रामायण के प्रसंगों को उत्कीर्ण किया जा रहा है लेकिन प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को देखते हुए 31 दिसम्बर 2023 तक 70 स्तम्भों में निर्धारित मूर्तियां उत्कीर्ण हो सकेंगी। इन सभी स्तम्भों को चिह्नित भी कर दिया गया है जिसमें ऊपर से नीचे तक मूर्तियां उत्कीर्ण की जानी है। इसी तरह से मंदिर के भूतल में फर्श के इन-ले वर्क के साथ लाइटिंग का काम एक साथ चलता रहेगा और यह भी 31 दिसम्बर 2023 तक पूरा हो जाएगा।
परकोटे का 795 मीटर परिक्रमा पथ श्रद्धालुओं के लिए हो जाएगा तैयार
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा. अनिल मिश्र ने बताया कि आठ एकड़ में निर्माणाधीन परकोटा का सम्पूर्ण निर्माण 31 दिसम्बर 2024 तक ही पूरा हो सकेगा। 31 दिसम्बर 2023 तक 50 प्रतिशत निर्माण ही संभव है। फिर भी प्राण प्रतिष्ठा के दौरान श्रद्धालुओं के स्वागत में प्रवेश द्वार का निर्माण खड़ा हो जाएगा। इसके अलावा यात्री सुविधाओं की दृष्टि से की जाने वाली व्यवस्थाओं को भी पूरा कर लिया जाएगा।
परिसर में पावर सप्लाई के लिए सब स्टेशन का निर्माण भी पूरी गति से चल रहा है और समय से यह काम भी पूरा हो जाएगा। इस बैठक में तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय कुछ समय के लिए ही मौजूद रहे। वहीं मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव,अयोध्या नरेश विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, टीईसी के परियोजना प्रबंधक बिनोद कुमार शुक्ला, संघ के जगदीश आफले व सीबीआरआई के पूर्व निदेशक एके मित्तल, राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा मौजूद थे।
रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे विदेशी मेहमान
न्यूयार्क सिटी, अमेरिका के निवासी एक दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं का एक दल सोमवार को अयोध्या पहुंचा। इस दल के सदस्यों ने श्रीरामजन्म भूमि में जाकर विराजमान रामलला का दर्शन किया। इस दौरान हर्ष से उन्होंने जय श्रीराम का उद्घोष भी किया। इसके पहले जन्मभूमि पथ पर 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में एक श्रद्धालु मिस्टर मार्टिन ने बताया कि उन्हें भारत और भारतीयों के साथ यहां की संस्कृति बहुत पसंद है।
भगवान राम और श्रीकृष्ण के साथ भगवान शंकर हमारे हृदय में विराजते हैं। उन्होंने अपने दाहिने हाथ में बने भगवान शंकर के टैटू को दिखाते हुए बताया कि वह सात बार भारत आ चुके हैं और उनकी पत्नी सुजैन भी 2016 से नौ बार भारत आ चुकी है।
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