फोन करना, नहीं उठाना छोटी बात है; सपा-बसपा का गठबंधन देश की राजनीति बदल देता: अखिलेश और मायावती में धोखा पर बहस जारी है
- सपा और बसपा के बीच गठबंधन टूटने में किसने किसे धोखा दिया, इस पर अखिलेश यादव और मायावती के बीच बहस जारी है। अखिलेश ने शनिवार को कहा कि फोन करना या फोन नहीं उठाना छोटी बात है। सपा-बसपा का गठबंधन देश की राजनीति बदल देता लेकिन उन्हें धोखा मिला।
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (एसपी) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का गठबंधन टूटने में किसने किसे धोखा दिया, यह साबित करने को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तीखी बहस जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि फोन करना या फोन नहीं उठाना छोटी बात है। उन्होंने कहा कि वो कहते थे कि सपा और बसपा का गठबंधन देश की राजनीति को बदल देगा लेकिन कुछ परिस्थितियां रहीं जिसकी वजह से गठबंधन टूट गया। उन्होंने एक बार फिर मायावती और बसपा पर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि जब गठबंधन टूटने की खबर मिली तो उनके साथ मंच पर बसपा के एक पुराने नेता बैठे थे। उन्होंने कहा था कि हमें भी ऐसे ही धोखा मिला था, आपको भी धोखा मिल गया।
मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं के लिए एक बुकलेट जारी की है जिसमें बसपा के गठन से अब तक की बात उन्होंने अपने मन की बात लिखी है। इसी बुकलेट में मायावती ने दावा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अखिलेश यादव ने उनका और बसपा के दूसरे नेताओं का फोन उठाना बंद कर दिया इसलिए स्वाभिमान की रक्षा के लिए उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया। मायावती ने किताब में कहा है कि सपा में एक जाति विशेष के अलावा किसी पीडीए के लिए जगह नहीं है। ब्राह्मण समाज को भी मायावती ने सपा से सचेत किया है।
अखिलेश ने मेरा फोन उठाना बंद कर दिया था, सपा से गठबंधन टूटने को लेकर मायावती का बड़ा खुलासा
बुकलेट में फोन ना उठाने की बात सामने आने पर अखिलेश यादव ने उसी दिन पत्रकारों से कहा था कि जिस दिन गठबंधन टूटा था उस दिन सपा और बसपा के नेताओं के साथ वो आजमगढ़ में एक कार्यक्रम में थे। जब खबर पहुंची तो उन्होंने खुद फोन किया था पूछने के लिए कि गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा था कि कई बार लोग अपनी बात छुपाने के लिए ऐसी बातें करते हैं।
मैंने खुद फोन कर पूछना चाहा था कि ऐसा क्यों किया? गठबंधन टूटने को लेकर मायावती के खुलासा पर अखिलेश बोले
लखनऊ में सपा कार्यालय में हिन्दी दिवस कार्यक्रम में बाद पत्रकारों के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा- “वो ऐसा गठबंधन था, जो बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और राम मनोहर लोहिया अपने जीवन काल में करना चाहते थे, वो नहीं कर पाए। मैं कहता था कि सपा-बसपा गठबंधन देश की राजनीति को बदलेगा। कुछ परिस्थितियां ऐसी रहीं जिसकी वजह से गठबंधन नहीं चल पाया। बात बहुत छोटी है कि किसने किसका फोन नहीं उठाया, किसने किसको फोन किया। उस समय का रिकॉर्ड आपके पास होगा। मेरे मंच पर मेरे बगल में बसपा के बहुत पुराने नेता बैठे थे। जिस सयय मुझे सूचना मिली की सपा-बसपा का गठबंधन तोड़ दिया गया है, तो सबसे पहले मैंने उनसे पूछा कि हमें और क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हमें भी ऐसे ही धोखा मिला था, आपको भी धोखा मिल गया।”