सोनभद्र नगर में झांकी की परंपरा आज भी कायम
सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज नगर में 70 साल से श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर झांकी सजाने की परंपरा जारी है। इस परंपरा की शुरुआत नगर के रईस बलराम दास केसरवानी ने की थी। यह झांकी उत्तर मुहाल के निवासी शिवशंकर...
सोनभद्र,संवाददाता। रॉबर्ट्सगंज नगर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर झांकी सजाने की परंपरा प्राचीन है। भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण के 5251 वे अवतरण दिवस पर आज भी जनपद मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज के विभिन्न क्षेत्रों में झांकी सजाने की परंपरा का पालन स्थानीय नागरिक कर रहे है। वरिष्ठ साहित्यकार दीपक कुमार केसरवानी के अनुसार-" श्री राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण नगर के रईस, व्यापारी, आजाद भारत के नोटिफाइड एरिया के प्रथम अध्यक्ष बलराम दास केसरवानी ने कराया था और सार्वजनिक रूप से इस मंदिर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी की झांकी मनाने की परंपरा का आरंभ हुआ जो आज भी कायम है। सात दशक पूर्व नगर के उत्तर मुहाल के निवासी शिवशंकर प्रसाद, पार्वती देवी द्वारा सार्वजनिक रूप से छोटे स्तर पर छह दिवसीय श्री कृष्ण जन्माष्टमी की झांकी का शुभारंभ किया गया, इस अवसर पर श्री कृष्ण जन्म से छठी तक उत्तर मोहाल की भक्त चमेली देवी, मोबत देवी, फुला देवी, ललिता देवी, अमरावती देवी, सुशीला देवी, गुलाबी देवी प्रतिदिन शाम को पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र ढोलक की थाप पर प्रतिदिन सोहर का गायन करती थी। कालांतर में इस मोहल्ले में मिर्जापुर जनपद से आए राम सूरत सिंह यादव ठेकेदार ने इस झांकी का विस्तार किया। यहां पर बड़े ही मनोयोग से झांकी को सजाया जाता था। इस सजावट में स्व. गुलाब प्रसाद केसरी, जवाहिर सेठ, माता प्रसाद सोनी,साधु मिस्त्री, महेश मिस्त्री नानक चंद आदि टेक्नीशियनो का महत्वपूर्ण योगदान रहता था।
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