हाथियों के झुंड से तबाह घरों के लिए मुआवजे की मांग
छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में एक सप्ताह से उत्पात मचा रहे हाथियों के झुंड ने दर्जनों गरीबों का आशियाना उजाड़ दिया। दो चरवाहों को भी पटक कर घायल कर दिया। हाथियों के उत्पात और तबाही से भयभीत ग्रामीणों...
छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में एक सप्ताह से उत्पात मचा रहे हाथियों के झुंड ने दर्जनों गरीबों का आशियाना उजाड़ दिया। दो चरवाहों को भी पटक कर घायल कर दिया। हाथियों के उत्पात और तबाही से भयभीत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मुआवजा की मांग किया है।
एक सप्ताह से हाथियों का झुंड बभनी थाना क्षेत्र के डुमरहर, बिछियारी,शीश टोला, करमघट्टी,नवाटोला, मगरमांड, सेमरिया गांव में घुस गये थे। रात के अंधेरे में ग्रामीणों का घर तोड़ कर घर में रखा अनाज खा गये। मंगलवार की रात घर के सामने भैंस के खटाल के पास मचान बनाकर सो रहे दो सगे भाइयों को भी हाथियों ने पटककर घायल कर दिया था। जिनका इलाज सीएचसी बभनी में चल रहा है। ग्रामीण उदर शाह, बाल गोबिंद, मंधारी, मान सिंह, हुबलाल, कामेश्वर, अनुराग, सुख नारायण, अहिबरन, लाल साय, राम सुभग, बिमला देवी, लीलावती ने मुआवजे के लिये मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। हाथियों के झुंड से दहशत में आये ग्रामीणों ने बताया कि दिन में हाथी जंगल में रहते थे। रात के अंधेरे में गांव में घुसकर तांडव मचाना शुरू कर देते थे। हाथियों के झुंड ने धान सहित अन्य रवि की फसल को चौपट कर दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के सहयोग से टायर जलाकर पटाखे छोड़कर अपने जान बचाई है। ग्रामीण भयभीत है कि कहीं हाथी फिर से गांव की ओर रुख ना करें। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री सहित जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुये मुआवजा दिलाने की मांग किया है।
सीमांत जंगलों पर रखी जा रही नजर
बभनी। सीमावर्ती गांव में एक सप्ताह से हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। मंगलवार की रात वन विभाग ग्रामीणों की मदद से हाथियों को जंगल में खदेड़ने मे कामयाब हो गया । गुरुवार को हाथियों के वापस होने की सूचना नहीं है। वन दरोगा ठेगु राम ने बताया कि सीमा पर स्थित जंगलों में नजर रखी जा रही है। रात में भी गांव में भ्रमण किया जाएगा। साथ ही गांव के लोग भी निगरानी करेंगे।
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