रसोइयों को स्थायी करते हुए दिया जाए न्यूनतम मानदेय
Sonbhadra News - रसोइयों को स्थायी करते हुए दिया जाए न्यूनतम मानदेय चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि रसोइयां और सहायकों की दयनीय स्थिति है। रसोइयां
विंढमगंज, हिंदुस्तान संवाद। दुद्धी ब्लाक संसाधन केंद्र पर रविवार को माध्यमिक भारतीय रसोइया वेलफेयर एसोसिएशन संघ की बैठक ब्लाक अध्यक्ष कबूतरी देवी की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान रसोइयों की विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की गई।
वक्ताओं ने कहा कि रसोइयां और सहायकों की दयनीय स्थिति है। रसोइयां कई वर्षों से काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें मात्र दो हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है। यह राशि उनके परिवार के लिए पर्याप्त नहीं है। जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्हें श्रम विभाग की तरफ से निर्धारित न्यूनतम मानदेय का आदेश तुरंत लागू किया जाए। रसोइयों को स्थायी करते हुए उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर रसोइयों की नियुक्ति की जाए। रसोइयों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए और सेवा समाप्ति पर 10 हजार रुपये पेंशन और 10 लाख रुपये की ग्रेच्युटी दी जाए। रसोइयों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा 14 आकस्मिक अवकाश और 90 दिन का मातृत्व अवकाश मिले। न्याय पंचायत स्तर पर रसोइयों का स्थानांतरण किया जाए। पिछले चार महीने से रुके हुआ मानदेय जल्द से जल्द दिया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों की रसोइयों का भी बकाया भुगतान किया जाए। इस मौके पर रसोइया वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक तैयब अंसारी, ज्ञानती, फूलवंती देवी, भागवंती, कौशल्या, पार्वती, मानकुंवर, फुलबस, तारा देवी, सुशीला देवी, सुखदेव, सुखनी देवी आदि रहे।
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