सोनभद्र में हाथियों के आतंक से घर छोड़ बेघर हुए लोग
स्थानीय थाना क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में पिछले पांच दिनो से हाथियों का झुण्ड आतंक मचाए हुए है। रविवार और सोमवार की रात भी हाथियों के झुंड ने सीमावर्ती गांवों में उत्पात मचाया।...
स्थानीय थाना क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में पिछले पांच दिनो से हाथियों का झुण्ड आतंक मचाए हुए है। रविवार और सोमवार की रात भी हाथियों के झुंड ने सीमावर्ती गांवों में उत्पात मचाया। ग्रामीणों और वन विभाग के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। हाथी शाम होते ही गांव में घुस कर तांडव कर रहे हैं। हाथियों के भय से लोग घर छोड़कर दूसरी जगह शरण ले रहे हैं। रात में हाथियों के चिघाड़ से लोग सहम जा रहे हैं। वहीं वन विभाग के लोग ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों को खदेड़ने में जुटे हुए हैं।
बभनी थाना क्षेत्र के रम्पाकुरर और मगरमाड़ गांव में जंगली हाथियों का झुंड ने पहुंचकर मान सिह, कामेश्वर, अनुराग, सुखनारायण, हूबलाल, रामेश्वर, रामलखन, जगसाय, लाल शाय अहिबरन, रामसुभाग, रामलखन की अरहर, धान, सरसों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। वहीं रविवार की रात में ही हाथियों का झुण्ड शाम सात बजे मगरमाड गांव में पहुंचकर नाबालिग सिह, लालशाय, विमला देवी के घर में रखा धान, मक्का अरहर की फसल को रौंद डाला और खटिया बर्तन को तोड़ फोड़ मचाते हुए घर गिरा दिया। जंगली हाथियों ने गांव में ही लीलावती, जगसाय, सहदेव की फसल़ों को रौंद डाली। वहीं मगरमाड़ में ही हाथियों ने मंधारी, मान सिंह और हूबलाल के घर को भी गिरा दिया। इससे लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। भयभीत हो ग्रामीण छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ घर छोड़ रात होते ही अन्यत्र चले जा रहे है। हाथियों के आतंक से ग्रामीण रात होते ही घर छोड दे रहे है। बताया जा रहा कि हाथियों के दल में दो बच्चे हैं। बच्चे जिधर जा रहे हैं झुण्ड भी उधर घर मकान गिराते हुए पहुंच जा रहा है।
सोमवार को बभनी सहित म्योरपुर, जरहा रेंज के अफसर अपनी टीम के साथ हाथियों को जंगल के रास्ते छत्तीसगढ़ की सीमा तक भगाया, लेकिन हाथी सोमवार की रात करमघट्टी गांव में घुसने की सूचना मिली है। इस दौरान करमघट्टी ग्राम प्रधान रामकुमार सहित भंवर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वितेन्द्र कुमार, बभनी वन क्षेत्रधिकारी अवध नारायण मिश्रा, जरहा वन क्षेत्रधिकारी दिनेश कुमार, म्योरपुर रेज के वन क्षेत्राधिकारी के साथ ही वन विभाग की टीम हाथियों खदेड़ने में जुटी रही।
सोमवार को भी वन विभाग की टीम डूमरहर के जंगल में हाथियों की तलाश करती रही। बभनी वन क्षेत्राधिकारी की मानें तो हाथियों का झुंड डूमरहर गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर जंगल में है, जिन्हें छत्तीसगढ़ के जंगल की तरफ खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानों के घर रात गुजार रहे ग्रामीण
बभनी। स्थानीय थाना क्षेत्र के करमघट्टी, मगरमाड के सैकड़ों ग्रामीण तीन दिन से प्रधानों के घरों पर डेरा डाले हैं। जगलों के किनारे बसे आदिवासी बीते तीन दिन से घर होते हुए भी बेघर होकर रात गुजरने को विवश हैं। सोमवार की रात करमघट्टी गाव में हाथियों का झुण्ड घुस गया, जिस कारण भय से सैकड़ों लोग प्रधान के घर रात गुजारे। इस दौरान भंवर ग्राम प्रधान प्रतिनिधियों द्वारा भी पहाड़ों के नीचे बसे मासूम बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। हाथियों के आतंक से रात गुजारना भारी पड़ रहा है। ग्रामीणो ने जिलाधिकारी से जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
ट्रैक्टर का टायर जलाकर गुजार रहे रात
बभनी। हाथियों के झुण्ड से भयभीत ग्रामीण सोमवार की रात हाथियों की चिघाड़ सुनते ही घर छोड़ ग्राम प्रधान के घर पहुंच गए और मासूम बच्चों के साथ वहीं रात गुजारी। ग्राम प्रधान ने बताया की ट्रैक्टर का टायर जलाकर सभी को सुरक्षित किया गया। जंगली हाथियों के आतंक से सभी भयभीत है।
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