Hindi NewsUttar-pradesh NewsSonbhadra NewsMedical Waste Burning at Sonbhadra District Hospital Poses Health Risks

खुले में फेंका और जलाया जा रहा बायो मेडिकल कचरा

Sonbhadra News - सोनभद्र के जिला अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंककर जलाया जा रहा है, जिससे धुएं से बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य और प्रदूषण विभाग के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं,...

Newswrap हिन्दुस्तान, सोनभद्रTue, 29 April 2025 10:43 PM
share Share
Follow Us on
खुले में फेंका और जलाया जा रहा बायो मेडिकल कचरा

सोनभद्र, संवाददाता। मेडिकल कालेज से संबंद्ध जिला अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट कचरे को परिसर में ही खुले आसमान के नीचे फेक कर आग लगा दी जा रही है। जिससे निकलने वाले धुएं से लोगों में बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। इसके लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य और प्रदूषण विभाग के अधिकारी भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गहरा असर पड़ रहा है। मेडिकल कालेज से संबंद्ध जिला अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट मैटेरियल जैसे खून, केमिकल्स से भींगे काटन-पट्टी से लेकर सीरिंज, दवाओं के रैपर के निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है। इनको अस्पताल परिसर के पीछे पुराने पोस्टमार्टम हाउस के पीछे बाउंड्रीवाल से सटाकर खुले मैदानों में फेका जा रहा है। जिसके चलते बायो मेडिकल कचरा चारो तरफ फैल जा रहा है। इसके बाद इस मेडिकल वेस्ट को जलाकर पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहे हैं। यह सिलसिला कई दिनों से जारी है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इसको लेकर अनजान बने हुए हैं। जबकि इसके आसपास मरीजों को भर्ती कराया जाता है। अस्पताल में सांस के भी मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। जिनको कचरे से निकल रहे धुएं से परेशानी बढ़ सकती है। बायो मेडिकल वेस्ट जलाने या इधर-उधर फेंकने पर काफी समय से प्रतिबंध है। इसके बाद भी इसे जलाया जा रहा है। शासन के नियमानुसार अगर कोई अस्पताल या क्लीनिक इन नियमों का पालन नहीं करता है तो जुर्माने के साथ ही उसकी मान्यता व लाइसेंस निरस्त करने तक का प्रावधान है। लेकिन उसके बाद भी अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट को खुले आसमान के नीचे जलाया जा रहा है।

लोगों की सेहत सुधारने वाले अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट जलाने और खुले में फेंकने से बीमारियां फैलने का खतरा है। शरीर के अंग, खून, दूषित रुई, पट्टी, ब्लड बैग, सीरिंज, आइवी सेट, ट्यूब, कांच की बोतल व स्लाइड फेंके जाने से हेपेटाइटिस बी, संक्रमण से फैलने वाली बीमारियां, टिटनेस, कूड़ा खाने से कुत्ते पागल हो सकते हैं। कूड़े के पानी में या धूप में पड़े रहने से संक्रमण फैलता है। बायो मेडिकल वेस्ट के जलने पर निकलने वाले धुएं से कई बीमारियां हो सकती हैं।

जिले में सरकारी अस्पतालों से मेडिकल कचरे के निस्तारण और उठान की जिम्मेदारी एक संस्था को दी गई है। इसके लिए एनएचएम के तहत लाखों का भुगतान होता है, लेकिन उसके बाद भी कचरे निस्तारण न कराकर उसे अस्पताल के पीछे ही जला दिया जा रहा है। इससे उठ रहा धुआं अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेहत को भी प्रभावित कर रहा है।

मरीजों को खाना देने वाला प्लेट व अस्पताल से निकलने वाला कचरा प्लास्टिक को फेका जाता है। कुछ मरीज प्लास्टिक व कचरे में काटन-पट्टी सीरिंज को डाल देते हैं। जिससे वह कचरे के साथ चला जाता है। बायो मेडिकल कचरा निस्तारण केंद्र बनाया गया है। उसमें ही कचरा डाला जा रहा है। आग लगने की जानकारी नहीं है।

- सुरेश सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कालेज।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें