महाराणा प्रताप वीरता, शौर्य, त्याग और बलिदान के अनुपम उदाहरण
Sonbhadra News - सोनभद्र में संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय और अन्य संस्थानों ने महाराणा प्रताप की जयंती मनाई। प्राचार्य डा. गोपाल सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया और महाराणा प्रताप के शौर्य, बलिदान और मातृभूमि...
सोनभद्र, संवाददाता। संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय लोढ़ी, महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय आंबेडकर नगर व सीनियर सेकंडरी पब्लिक स्कूल लोढ़ी के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। प्राचार्य डा. गोपाल सिंह ने बाबा कीनाराम, महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. गोपाल सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप का नाम सुनते ही धमनियों में शौर्य और पराक्रम का रक्त प्रवाहित होने लगता है। महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की शौर्यगाथा, मां पन्नाधाय के बलिदान, भामाशाह के सर्वस्व अर्पण तथा बप्पा रावल, महाराणा कुंभा और महाराणा सांगा की वीरता और पराक्रम को भी याद दिलाता है।
साहस, शौर्य और स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप अपना संपूर्ण जीवन मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया जो देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। कहा कि महाराणा प्रताप ने महल को छोड़ जंगल में निवास किया और हल्दी घाटी युद्ध में अकबर के दांत खट्टे किए। कहा कि महाराणा प्रताप वीरता, शौर्य, त्याग और बलिदान के अनुपम उदाहरण हैं। इस मौके पर बब्बू सिंह, आनंद सिंह, शमशेर बहादुर सिंह, इंद्रसेन सिंह, उपेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह, धमेन्द्र सिंह, पिन्टू सिंह, अंकित सिंह, मनोज श्रीवास्तव, सुरज गुप्ता, छबीन्द्र नाथ त्रिपाठी, विरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, प्रियम सिंह आदि रहे। संगोष्ठी का संचालन सत्य प्रकाश सिंह ने किया।
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