हाथियों ने तीन का घर ढहाया, दो को किया घायल
विकास खण्ड बभनी के सीमावर्ती गांव में छह दिन से हाथियों के आंतक से ग्रामीण व वन विभाग की नींद हराम हो गई है। दिन होते हाथी जंगलों मे छिप जा रहे हैं। रात होते ही गांव में घुसकर फसल, घर सहित अन्य सामान...
विकास खण्ड बभनी के सीमावर्ती गांव में छह दिन से हाथियों के आंतक से ग्रामीण व वन विभाग की नींद हराम हो गई है। दिन होते हाथी जंगलों मे छिप जा रहे हैं। रात होते ही गांव में घुसकर फसल, घर सहित अन्य सामान क्षतिग्रस्त कर रहे हैं, जिसके कारण ग्रामीणों में दहशत है। मंगलवार की रात को उत्पात मचाने के बाद बुधवार की सुबह हाथियों का झुण्ड छत्तीसगढ़ सीमा से सटे अम्मा झरिया के जंगल की ओर चले गए। आबादी की ओर हाथियों को आने से रोकने के लिए वन विभाग की टीम अम्मा झरिया के जंगल से कुछ दूर डटी हुई है।
सोमवार की सुबह जंगल की ओर जाने के बाद 18 से 20 की संख्या में हाथियों का झुण्ड मंगलवार की रात फिर से डूमरहर और मगरमाड गांव में घुस गया। डूमरहर में उदरशाह, बाल गोविंद और जगनरायन का घर गिरा दिया। 12 ग्रामीणों की फसलों को रौंद दिया। रामजग, उदर, बाल गोविंद, राजो, जगनरायन, उदरशाय, मानशाह, दिलबरन, गोपाल, राम अधीन, प्रजापति, प्रसिद्धन की फसल को नुकसान पहंुचाया। डूमरहर गांव में उत्पात मचाने के बाद हाथियों का झुंड रात 12 बजे के आसपास सेमरिया गांव पहुंचा। यहां पर अपने भैंसों के खटाल के पास मचान पर सो रहे सगे भाई शोभा यादव और चंद्रिका यादव पुत्र गुलाब यादव पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। दोनों को बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। सेमरिया गांव के बाद हाथियों का दल सतबहनी गांव पहुंचा। यहां से वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से जंगल की ओर भगाया। बुधवार की सुबह भी गांव की ओर हाथियेां के आने के डर से वन विभाग की टीम ग्रामीणों की मदद से हाथियों की तलाश मे जुटी हुई थी। लेकिन, शाम तक उनका पता नहीं चल सका था। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अभी हाथियों का दल छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे अम्मा झरिया के जंगल में ही है।
ग्रामीणों और वन विभाग की नींद हराम
बभनी। स्थानीय थाना क्षेत्र के छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में रात भर उत्पात मचाने के बाद हाथियों का झुण्ड जंगलों की ओर चला जा रहा है। रात होते हाथी फिर गांव की ओर चले आते हैं। जिसके कारण ग्रामीण रात-रात भर अपने परिवार के साथ घर से बाहर सुरक्षित स्थानों पर डेरा डाल देते हैं। अपने और अपने परिवार की रक्षा के लिए वह रात भर पहरेदारी करते हैं। यही हाल वन विभाग की टीम का है। वन विभाग के लोग भी रात-रात पर ग्रामीणों के साथ जाग कर हाथियों को जंगल की ओर भगाने का काम कर रहे हैं। दिन में भी हाथियों के गांव की ओर आने की आशंका के चलते न तो ग्रामीण और न ही वन विभाग के लोग ही आराम कर पा रहे हैं। हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम की भी नींद हराम हो गई है।
अवध नारायण मिश्रा, वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि हाथियों का झुण्ड दिन में तो छत्तीसगढ़ सीमा पर पड़ने वाले जंगलों की ओर चले जा रहे हैं, लेकिन रात होते ही गांव में घुस जा रहे हैं। जिसके कारण चौबीसों घण्टे उनको लेकर दहशत बनी हुई है। हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीणों को आग, पटाखा और मिर्च की गंध करने के उपाय बताए गये हंै। हाथियों की संख्या 18 से 20 होने के कारण उन्हें खदेड़ने मे दिक्कत हो रही है। बुधवार की सुबह हाथियों के झुंड को अम्मा झरिया के जंगल में खदेड़ा गया है।
पुलिस टीम ने भी किया भ्रमण
बभनी। हाथियों के झुण्ड को भगाने के लिए स्थानीय पुलिस भी गांवों में भ्रमण कर वन विभाग और ग्रामीणों का सहयोग कर रही है। मंगलवार की रात में प्रभारी निरीक्षक अविनाश चन्द्र सिन्हा पुलिस फोर्स के साथ डूमरहर, मगरमाड, रम्पाकुरर और बिछियारी गंाव में भ्रमण करते रहे। ग्रामीणों को एतियात बरतने को कहा।
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