बच्चों में इंसेफेलाइटिस का खतरा,अब तक 15 केस
Sitapur News - सीतापुर में बच्चों में बुखार के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। अब तक 15 मामले एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के रिकार्ड किए गए हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बच्चों को जिला अस्पताल लाया जाए...
सीतापुर,संवाददाता। मौसम में बदलाव के वायरल का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। खासतौर से बच्चों में बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) के 15 मामले अब तक जिले भर में रिकार्ड किए गए हैं। इसे लेकर स्वास्थ विभाग के अधिकारी भी खासे हलकान है। डॉक्टरों ने बुखार होने पर बच्चों को जिला अस्पताल लाने की सलाह दी है। साथ ही झोलाछाप से दूरी बनाए रखने को कहा है। देखा गया है कि अधिकतर बच्चे झोलाछाप के इलाज से गम्भीर हुए हैं। दरअसल उन बच्चों में बुखार अति गम्भीर हालत में पहुंच रहा है जो बच्चे कम वजन के हैं, या कुपोषित हैं। ऐसे बच्चे अधिक गम्भीर हो रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष वाजपेई का कहना है कि इलाज में देरी से बच्चों में दिमागी बुखार होने की संभावना अधिक रहती है। यह बुखार बैक्टीरिया या वायरस दोनों के संक्रमण संभव है मगर अधिकतर वायरल संक्रमण से पीड़ित होकर आते हैं। ऐसे में लक्षण देखते ही इलाज को लाएं। बच्चों को सिर्फ पैरासिटामाल दें । एंटीबायोटिक से दूर रखें। ताकि आगे इलाज में किसी तरह दुश्वारी नहीं हो। उधर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. इन्द्र सिंह का कहना है कि बच्चों का पीआईसीयू अपडेट है। गम्भीर बच्चों को उसी में भर्ती किया जाता है। स्टेबिल होने और जांच पूरी होने के बाद वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है। सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह का कहना है कि बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या कम है। हालांकि हेल्प डेस्क से जागरूकता फैलाई जा रही है। 15 केस अब तक रिपोर्ट हुए हैं।
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