जवाबी कीर्तन में कल्पना ने मारी बाजी
देवकलिया में नवदुर्गा सेवा समिति द्वारा जवाबी कीर्तन का आयोजन किया गया। भिंड की कल्पना द्विवेदी विजेता रहीं, जबकि इटावा के बाबा बिकल उप विजेता बने। कार्यक्रम में मां दुर्गा की आरती के बाद दीप...
देवकलिया। नवदुर्गा सेवा समिति सरैंया की ओर से आयोजित जवाबी कीर्तन में गायकों ने खूब समां बांधीं। कीर्तन मुकाबले में भिंड मध्य प्रदेश की कल्पना द्विवेदी विजेता बनीं और इटावा के बाबा बिकल उप विजेता रहे। समिति द्वारा कीर्तनकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। सरैंया राजा साहब स्थित चौधरी चरण सिंह पार्क में आयोजित मां दुर्गा की आरती के बाद मंच पर अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित किया और जवाबी कीर्तन की शुरुआत हुई। संचालन समिति अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने किया। कीर्तनकार कल्पना दुबे ने मां के नवदुर्गा स्वरूप की विशेषता बताते हुए कीर्तन गाकर पहला चरण शुरू किया। जवाब में बाबा विकल दस महाविद्या की विशेषता लाए। कल्पना दुबे ने कटपीस में गाया कि तुमको लखन ने खत लिखा खत में लिखा तो बाबा विकल ने गाया कि हमको लखन ने खत लिखा। खत में लिखा।बाबा विकल्प ने गाया कि हनुमत को जो मैं गिरधर कहूं तो द्वापर में गिरधर का अपमान होगा। कटपीस में गाया कि बाली को मारा छलके, मेरे राम। काहे मारा छलके। आंख से जल की धारा छलके। जवाब में कल्पना दुबे ने गाया कि अगर राजा बलि को मैं दानी कहूं तो शिव महादानी का अपमान होगा। और एक गीत राजा हरिश्चंद्र को लेकर गाया। कि बिके तीनों प्राणी हैं माटी के मोल। इसके बाद देशभक्ति गीत गाया। मैं तो चाहूं तिरंगा कफन के लिए, जान जाए हमारी वतन के लिए। भूमि भारत की चाहे वतन के लिए। सामाजिक कीर्तन का गीत गाते हुए दहेज पर आधारित कीर्तन लोगों के दिल को छू गया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।