गांजर में फिर कहर, आठ गांवों व घरों में घुसी बाढ़
रेउसा में बैराजों से छोड़े गए पानी और भारी वर्षा के कारण घाघरा और शारदा नदियों में बाढ़ आ गई है। इससे ग्राम पंचायत गौलोक कोड़र और अन्य मजरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कई फसलें नष्ट हो गई हैं और...
रेउसा, संवाददाता। वर्षा और बैराजों से छोड़ा गया पानी अब गांजर में एक बार फिर कहर बरपाए है। बैराजों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से उफनाई घाघरा व शारदा नदियों का पानी ग्राम पंचायत गौलोक कोड़र में दो और मजरों में घुस गया है। ऐसे में बाढ़ से प्रभावित मजरों की संख्या आठ हो गई है। बसंतापुर-गौलोक कोड़र संपर्क मार्गों पर भी बाढ़ का पानी चलने लगा है। इससे आवागमन प्रभावित हो गया। यही नहीं खेतों में बोई मक्का, उदड़, मेंथा फसलें भी जलमग्न हो गई। इन गांवों में मवेशियों के चारे का संकट भी उत्पन्न हो गया। रेउसा क्षेत्र में विगत लगभग एक सप्ताह से रुक रुक कर हुई मूसलाधार बारिश व बैराजों से लगातार पानी छोड़ा गया है जिसके चलते नदियों के जलस्तर में इजाफा हुआ है।वहीं शुक्रवार की देर रात से घाघरा व शारदा नदियों का जलस्तर काफी बढ़कर तलहटी में बसे गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। ग्राम पंचायत गौलौक कोड़र के सुकईपुरवा, दुर्गापुरवा, संबारीपुरवा, निर्मलपुरवा, संतरामपुरवा, नईबस्ती आदि करीब दर्जन भर से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है। गांवों के कुछ लोगों के घरों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश हो गया है। बसंतापुर से गौलोक कोड़र के संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी बहने लगा है।खेतों में जलभराव होने से मक्के उड़द,मेंथा आदि फसलों को नुकसान पहुंच रहा है।वहीं पशुओं के चारे का भी संकट बना हुआ है।जंगल टपरी के राकेश,संतराम पुरवा के विजय यादव,निर्मल पुरवा के संतोष यादव,रामलाल पुरवा के विनोद यादव ने बताया कि नदियों का जलस्तर बढ़ा है। कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ प्रभावित इलाके के तलहटी मे बसे गांवों में स्वास्थ्य टीम अभी दवा वितरण करने पहुंची है। दवा का छिड़काव भी नहीं किया गया है। जिससे गांवों में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। उधर, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विशाल पोरवाल ने बताया कि अब नदियों में पानी बड़ा है लेकिन पानी नदियों के अंदर ही रहेगा।बाढ़ क्षेत्र पर लगातार नजर रखी जा रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।