मूर्छित हुए लक्ष्मण के संजीवनी बूटी ने बचाएं प्राण

शाहपुर में रामलीला की आंठवी रात आयोजित की गई। कलाकारों ने अंगद और रावण का संवाद, नल-नील द्वारा पुल निर्माण और लक्ष्मण-मेघनाथ के युद्ध का जीवंत मंचन किया। लक्ष्मण को मूर्छित करने के बाद हनुमान जी ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, सिद्धार्थFri, 15 Nov 2024 02:24 AM
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भनवापुर। क्षेत्र के शाहपुर मे बुधवार को रामलीला की आंठवी रात कलाकारों ने अंगद रावण संवाद से लेकर लक्ष्मण शक्ति का सजीव मंचन किया। कलाकारों ने दिखाया कि नल और नील ने पत्थर से समुद्र तल पर पुल का निर्माण किया। श्री राम ने अंगद को शांति दूत के रूप में लंका भेजा।अंगद ने रावण को लंका में परिचय देने के बाद बहुत समझाने का प्रयास किया। अंगद ने अपना पैर रावण के दरबार में पृथ्वी पर जमा दिया। अंगद के पैर को रावण के दरबार में कोई हिला नहीं पाया अंत में रावण खुद उठकर आने लगा तो अंगद ने अपना पैर उठाकर प्रभु श्री राम के चरणों में जाने को कहा।इसके बाद दोनों और की सेनाओ से भयंकर युद्ध होने लगा। मेघनाथ और लक्ष्मण का युद्ध होने लगा लक्ष्मण ने मेघनाथ के सारे बाण नष्ट कर दिए तत्पश्चात मेघनाथ ने शक्ति बाण से लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया। मूर्छित होने के बाद हनुमान जी सुशैन वैद्य को लाये। सुशैन वैद्य ने संजीवनी बूटी को लाने के लिए कहा। जिस पर हनुमान जी पूरा हिमालय पर्वत उठा लाये। सुशैन वैद्य ने संजीवनी बूटी से लक्ष्मण की मुर्छा दूर कर दी। लक्ष्मण जी का मुर्छा दूर होने पर पूरे पंडाल में बजरंगबली की जय के नारे गूजने लगे। इस दौरान मनीष अग्रहरि, डब्लू जायसवाल, विजय साहनी आदि मौजूद रहे।

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