परमात्मा के साथ जुड़कर प्रेम करना ही सच्ची भक्ति
Siddhart-nagar News - 12 एसआईडीडी 30: शहर के शेखनगर में आयोजित भक्ति पर्व समारोह को संबोधित करते मुखी डॉ. राजाराम यादव
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के बाद हृदय से जब भक्त व भगवान का नाता जुड़ जाता है तभी सही रूप में भक्ति की शुरुआत होती है। खुद को इसी रास्ते की तरफ बढ़ाना है। जहां भक्त और भगवान का मिलन होता है। भक्ति सिर्फ एक तरफा प्यार नहीं, बल्कि ओत-प्रोत अवस्था है, जहां भगवान अपने भक्त के प्रति प्यार का भाव रखते हैं, वहीं भक्त भी अपने दिल में प्रेम भक्ति का भाव रखता है। ये बातें मुखी डॉ. राजाराम यादव ने रविवार को संत निरंकारी मिशन की तरफ से शहर के शेखनगर में आयोजित भक्ति पर्व समारोह में कहीं।
उन्होंने कहा कि परमात्मा के साथ जुड़कर प्रेम करना ही सच्ची भक्ति है और प्रभु की भक्ति की मानव को अंत समय में इस भवसागर से पार लगाती है। वक्ताओं ने कहा कि भक्त को नियमों के दायरे, दिशा-निर्देश एवं मर्यादा के अनुरूप काम करना चाहिए। इसके साथ ही जगतमाता एवं शहंशाह जी के परोपकारों के साथ-साथ मिशन के अन्य समर्पित महापुरुषों को भी याद किया जाता है। उनके तप, त्याग, गुरुभक्ति, सेवाभाव एवं सहज जीवन से प्रेरणा ली जाती है। इस अवसर पर तमाम प्रकार के भजनभी प्रस्तुत किया गया। संचालन राजेश कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुनील श्रीवास्तव, राम प्यारे, राम औतार मौर्य, पीताम्बर तिवारी, मनीष कुमार, साधना, किरन श्रीवास्तव, गीता, रमेश, प्रेम पसवान आदि मौजूद रहे।
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