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नौनिहालों के चेहरे पर मुस्कान ला रहा आरबीएसके

Siddhart-nagar News - सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य विभाग ने आरबीएसके कार्यक्रम के तहत चार वर्षों में 204 बच्चों के कटे होंठ-तालू के ऑपरेशन किए। इन बच्चों को पहले भोजन और दूध पीने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब वे सामान्य जीवन...

Newswrap हिन्दुस्तान, सिद्धार्थSun, 19 Jan 2025 11:32 AM
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सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के जरिए नौनिहालों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहा है। जनपद में चार वर्ष के भीतर कटे होंठ-तालू के 204 बच्चों को चिन्हित कर ऑपरेशन कराते हुए जिंदगी को बदला गया है। ऑपरेशन के बाद अब यह बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पहले भोजन तो दूर दूध पीने में संकट होता था। सामग्री सेवन के दौरान सीधे नाक में चला जाता था, अब इससे छुटकारा मिल गया है।

स्वास्थ्य विभाग जनपद के सभी 14 ब्लॉकों में आरबीएसके मोबाइल टीम के जरिए कार्य करता है। मोबाइल टीम में शामिल चिकित्सक, फार्मासिस्ट व एएनएम आंगनबाड़ी केंद्रों व आशा कार्यकर्ता के जरिए फिल्ड विजिट कर कटे होंठ-तालू के बच्चों का चिन्हांकन करते हैं। समय-समय पर शिविर लगाकर भी लोगों का परीक्षण किया जाता है। इस परीक्षण में बाहर की टीम आकर पीड़ित बच्चों की स्क्रीनिंग करती है। स्क्रीनिंग के बाद नौनिहाल बच्चों को नया जीवन देने के लिए टीम तिथि तय कर अस्पताल पर बुलाती है। इसके बाद ऑपरेशन करके नई जिंदगी देती है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 से लेकर अकटूबर 2024-25 तक 204 बच्चों का ऑपरेशन करके नया जीवन दिया गया है।

दो स्टेप में होता है ऑपरेशन

कटे होंठ-तालू के बच्चों का दो स्टेप में ऑपरेशन किया जाता है। पहले स्टेप में होंठ का ऑपरेशन होता है जबकि दूसरे स्टेप में तालू का ऑपरेशन संभव हो पाता है। इसके बाद बच्चे खाने-पीने योग्य हो पाते हैं। इसमें किसी भी तरह की थेरैपी की जरूरत नहीं होती है, बल्कि बच्चे बढ़ती उम्र के साथ अच्छे से बोलने लगते हैं।

छह माह से 19 वर्ष तक के बच्चों का ऑपरेशन

आरबीएसके के तहत कटे होंठ-तालू का ऑपरेशन कराने के लिए छह माह से 19 वर्ष तक के बच्चों को लिया जाता है, लेकिन जनपद के सभी ब्लॉकों में मोबाइल हेल्थ टीम के सक्रिय रहने से जन्म के वर्ष भीतर ही बच्चों का चिन्हांकन कर लिया जा रहा है। जिसका परिणाम है कि बच्चों का समय से ऑपरेशन हो जा रहा है।

कटे होंठ-तालू से नुकसान

दूध पीने में समस्या।

भोजन करने में दिक्कत।

तालू न रहने से खाद्य सामग्री का नाक में चला जाना।

बोलने में दिक्कत।

चेहरे का भद्दा दिखना।

स्वास्थ्य विभाग आरबीएसके मोबाइल हेल्थ टीम के माध्यम से गांव-गांव में बच्चों का चिन्हांकन करता है। टीम के प्रयास से चार वर्ष में कटे होंठ-तालू के 204 बच्चे चिन्हित किए गए हैं। जिनका नि:शुक्ल ऑपरेशन कराते हुए नया जीवन दिया गया है।

अनंत प्रकाश, डीईआईसी मैनेजर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

कटे होंठ- तालू के बच्चों का ऑपरेशन एक नजर में

वर्ष ऑपरेशन

2021-22 43

2022-23 63

2023-24 48

2024- 25 50 (अक्टूबर तक)

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