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बेसहारा बच्चों को सहारा देगी स्पॉन्सरशिप योजना

Siddhart-nagar News - महिला कल्याण विभाग की स्पॉन्सरशिप योजना स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की है। जिससे उन्हें परिवार से विस्थापित किए बिना, समाज में अपने परिवेश में बने रहने और

Newswrap हिन्दुस्तान, सिद्धार्थFri, 13 Dec 2024 02:24 AM
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सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। निराश्रित बच्चों की मदद करने के लिए महिला कल्याण विभाग ने स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की है। जिससे उन्हें परिवार से विस्थापित किए बिना, समाज में अपने परिवेश में बने रहने और संस्थाओं से परिवार में पुन:स्थापित करने में मदद हो सके। इस योजना का लाभ पात्रता की श्रेणी में आने वाले बच्चों को मिलेगा। यह योजना बेसहारा बच्चों का सहारा बनेगी। इसके तहत एक से 18 वर्ष के पात्र बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। अब तक इस योजना से 321 बच्चों को लाभ मिल रहा है जबकि 352 के नवीन आवेदन हैं। सौ ऐसे आवेदन हैं, जिनकी स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

स्पॉन्सरशिप योजना में उन बच्चों को, जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो, मां तलाकशुदा हो या परिवार द्वारा परित्यक्त हो, माता-पिता या उनमें से कोई एक गंभीर जानलेवा रोग से ग्रसित हो को योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा बेघर, अनाथ, बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल-श्रम, बाल भिक्षावृत्ति में शामिल, या किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार, दिव्यांग, घर से भागे हुए या माता-पिता या उनमें से कोई एक जेल में हों, ऐसे बच्चे भी इसके दायरे में आएंगे, साथ ही एचआईवी प्रभावित, माता-पिता आर्थिक, शारीरिक, मानसिक रूप से देखभाल में असमर्थ, फुटपाथ पर जीवनयापन करने वाले प्रताड़ित एवं शोषित बच्चे भी पात्रता की श्रेणी में रखे गए हैं।

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यह आय सीमा और कागजात अनिवार्य

ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की अधिकतम आय 72 हजार रुपये वार्षिक अन्य क्षेत्रों में अधिकतम आय 96 हजार रुपये वार्षिक (पुनर्वास स्पांसरशिप व माता-पिता दोनों या वैध संरक्षक की मृत्यु होने पर परिवार की अधिकतम आय सीमा की जरूरत नहीं)। जबकि आवेदन के लिए जरूरी अभिलेख आधार कार्ड, आय प्रमाणपत्र, आयु प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है।

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स्पांसरशिप योजना में पात्रता की श्रेणी में आने वाले बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसमें परिवार की अधिकतम आय सीमा ग्रामीण क्षेत्र में 72 हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में 96 हजार रुपये वार्षिक रखी गई है। अब तक इस योजना से 321 बच्चों को लाभ मिल रहा है। जबकि 352 के नवीन आवेदन हैं। सौ ऐसे आवेदन हैं, जिनकी स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

- विनय सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी

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