पहला 10 दिन रहमत, अगला 10 दिन बख्शीश, बाकी मोक्ष का: मौलाना मोइनुद्दीन
Siddhart-nagar News - 04 एआईडीडी 30: मौलाना मोइनुद्दीन समय है। मौलाना ने बताया कि अल्लाह ने इस महीने को विशेष महत्व दिया है। रमजान के महीने को तीन भागों में बांटा गया है। प

सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। मदरसा गौसिया फैजुल उलूम बढ़या के मौलाना मोइनुद्दीन ने रमजान के महीने की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि यह इस्लामी कैलेंडर का दसवां महीना है। रोजा, इबादत और गरीबों की सेवा का पवत्रि समय है। मौलाना ने बताया कि अल्लाह ने इस महीने को विशेष महत्व दिया है। रमजान के महीने को तीन भागों में बांटा गया है। पहले दस दिन अल्लाह की रहमत के लिए है। अगले दस दिन बख्शीश के लिए और आखिरी दस दिन जहन्नुम से मुक्ति पाने के लिए है।
उन्होंने कहा इस पवत्रि महीने में की गई हर नेक काम का शबाब 70 गुना बढ़ जाता है। इस दौरान जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं और जहन्नुम के दरवाजे बंद हो जाते हैं। रोजा इफ्तार कराने वाले को जहन्नुम से मुक्ति मिलती है। फरिश्ते उसके लिए विशेष दुआ करते हैं। रमजान के आखिरी दस दिनों में शबे कद्र की रात आती है। यह 21, 23, 25, 27 या 29वीं रात हो सकती है। इन रातों में इबादत करने का विशेष महत्व है। जो व्यक्ति इन पांच रातों में इबादत करता है उसके पिछले सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। शबे कद्र की रात को हजार महीनों से भी श्रेष्ठ माना गया है।
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