जनपद के 426 कान्वेंट स्कूलों में पढ़ेंगे छह हजार जरूरतमंद बच्चे
सिद्धार्थनगर में गरीब परिवार के छह हजार बच्चों को 426 कान्वेंट स्कूलों में पढ़ाई का मौका मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया एक दिसंबर...
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। जिले में गरीब परिवार के छह हजार बच्चों को अब जिले के 426 कान्वेंट स्कूलों में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें निजी विद्यालयों में आरक्षित कर दी गई हैं। निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत सत्र 2025-26 के लिए नियम लागू किया गया है। इसके लिए गरीब अभिभावकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एक दिसंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता अमित शुक्ल ने बताया कि राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से आवेदन शुरू होने की समय सारिणी जारी कर दी गई है। अभिभावकों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाना पड़ेगा। चार चरणों में प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पहले चरण की आवेदन प्रक्रिया एक दिसंबर 2024 से शुरू होगी जो 19 दिसंबर तक चलेगी। 24 दिसंबर को लॉटरी कराई जाएगी। 27 दिसंबर को प्रवेश दिलाया जाएगा।
दूसरे चरण में आवेदन की प्रक्रिया एक जनवरी से 19 जनवरी 2025 तक चलेगी। 24 जनवरी को लॉटरी कराई जाएगी। 27 जनवरी तक प्रवेश ले सकेंगे। तीसरे चरण की आवेदन प्रक्रिया एक से 19 फरवरी तक चलेगी। 24 फरवरी को लॉटरी कराई जाएगी। 27 फरवरी को प्रवेश दिलाया जाएगा। चौथे चरण में आवेदन की प्रक्रिया एक से 19 मार्च तक चलेगी। 24 मार्च को लॉटरी होगी। 27 मार्च को निजी विद्यालयों में दाखिला दिलाया जाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि आरटीई के तहत गरीब परिवार के बच्चों के प्रवेश के लिए प्रक्रिया दिसंबर से शुरू हो रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। पात्र विद्यार्थियों का निजी विद्यालयों की 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला कराया जाएगा। जनपद में 426 विद्यालयों में लगभग छह हजार बच्चों का प्रवेश दिलाने का लक्ष्य है।
अभिभावकों का सपना होगा साकार
कान्वेंट स्कूलों में अपने बच्चे का दाखिला कराने का गरीब परिवार के माता-पिता का सपना पूरा होगा। नए सत्र से जिले के सभी निजी विद्यालयों में शासन के निर्देशों के तहत दाखिला दिलाने की तैयारी चल रही है। निजी विद्यालयों में भी गरीब विद्यार्थियों को दाखिला दिलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है। गरीब बच्चों को प्री प्राइमरी और कक्षा एक में निजी कान्वेंट स्कूलों में दाखिला कराया जाता है। बच्चों की पढ़ाई का खर्च शासन की ओर से स्कूलों के खातों में भेजा जाता है। कापी-किताब के लिए पांच-पांच हजार रुपये अभिभावकों के खाते में भेजे जाते हैं।
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