शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा सम्मेलन
Siddhart-nagar News - सिद्धार्थनगर में सिद्धार्थ विवि ने शिक्षा और उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। कुलपति प्रो. कविता शाह ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को रोजगारपरक शिक्षा पर ध्यान...
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सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। वर्तमान परिवेश में शिक्षण संस्थाओं की रोजगार परक दृष्टि अत्यंत उपयोगी है। शिक्षण संस्थानों को उद्योग और रोजगार के अवसर के क्षेत्र की पहचान कर स्नातकों को रोजगारपरक बनाना और उस दिशा में दक्ष बनाना सर्वाधिक जरूरी है। वर्तमान परिवेश में उद्योग को बढ़ावा देने वाले शोध कार्य किए जाने चाहिए। लोकल से ग्लोबल की ओर उन्मुख होने में विवि को आगे बढ़कर कार्य करेगा। इससे यह सम्मेलन शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में सफल होगा। ये बातें सिद्धार्थ विवि कपिलवस्तु की कुलपति प्रो. कविता शाह ने सोमवार को विवि में प्रथम शिक्षा और उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करना, नवाचार को बढ़ावा देना व विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को उद्योग जगत की आवश्यकताओं से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय अकादमिक-उद्योग सम्मेलन में कहीं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी शिक्षा को रोजगारपरक बनाने में विशेष योगदान करने में सक्षम बनाएगा। सामान्य विद्यार्थी भी प्रशिक्षण के माध्यम से बड़े से बड़ा उद्योग और अधिक से अधिक रोजगार प्राप्त करने में अपने को सक्षम बना सकता है। विवि को परंपरागत शिक्षा के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, तभी राष्ट्र और समाज के विकास में विश्वविद्यालयों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर में रोजगार की असीम आकांक्षा अंतरनिहित है। ओडीओपी की तर्ज पर ही अन्य स्थानीय उत्पादों को भी चिन्हित कर उस क्षेत्र में उसके विकास के लिए कार्य करना हमारी प्राथमिकता है। सीडीओ जयेंद्र कुमार ने कहा कि यह क्षेत्र एक कृषि प्रधान जिला है, जहां राज्य सरकार की डेयरी, कृषि, मुर्गी पालन, गोपालन, एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में लागू की गई योजनाओं का सदुपयोग करके युवा एक सफल उद्यमी बन सकते हैं और जिले के विकास में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं और आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना जिले के आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर उपायुक्त उद्योग उदय प्रकाश, एचडी पूर्वांचल रबर फैक्ट्री आशुतोष पांडेय, उद्यमी गीडा विकास अग्रहरि, उद्यमी डॉ.अजय रावत आदि मौजूद रहे।
विवि के बच्चों को उद्योगपति बनने के मिलेंगे टिप्स
रेडीमेड गारमेंट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेते हुए एक साधारण पृष्ठभूमि का व्यक्ति भी पूर्ण इच्छा शक्ति और समर्पण से एक सफल उद्योगपति बन सकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को रेडीमेड गारमेंट उद्योग की स्थापना से लेकर निर्यात तक की पूरी प्रक्रिया की ट्रेनिंग देने का विचार कर रहे हैं, जिससे एक उद्योगपति के रूप में एंटरप्रेनर के रूप में कार्य कर सके। कुलसचिव डॉ.अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि तकनीकी नवाचार, उद्यमिता, स्टार्टअप्स एवं वर्तमान उद्योग कि आवश्यकताओं को समझते हुए शिक्षा में तकनीकी समावेशन किया जाने के लिए विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से तैयार है और यह सम्मलेन इस दिशा में उठाया गया कदम है। संयोजक प्रो. सौरभ ने कहा कि शिक्षा और उद्योग के बीच एक मजबूत सेतु निर्माण से नवाचार और व्यावसायिक कौशल में वृद्धि होगी, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर करियर के अवसर प्राप्त होंगे। संचालन डॉ. शिवम शुक्ल ने किया।
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