हाड़कंपा देने वाली ठंड से कांपी बुद्ध भूमि, घरों में दुबके लोग
Siddhart-nagar News - चित्र परिचय 14 एसआईडीडी 23 : कांशीराम आवास में गलन भरी ठंड से निजात पाने के लिए अलाव से राहत लेते लोग
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। जिला शीत लहर की चपेट में है। सूरज नहीं निकलने से लोग गलन भरी ठंड से कांप रहे हैं। पूरे दिन लोग अलाव के ईदगिर्द मौजूद रहकर ठंड से जंग लड़ रहे हैं। गलन से जनजीवन प्रभावित होकर रह गया है। खराब मौसम से सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
जिला शीतलहर से आजाद नहीं हो पा रहा है। हालांकि सोमवार को धूप निकली थी लेकिन उसी दिन शाम से मौसम में बदलाव शुरू हो गया था। शाम होते-होते गलन बढ़ गई थी। लोग जल्दी घरों को चले गए थे। मंगलवार की सुबह हुई तो हर किसी का सामना गलन भरी ठंड से हुआ। पूरे दिन आसमान में बादलों का डेरा रहा। हवा भी चलती रही। हर दिन गलन भरी हाड़ कंपा देने वाली ठंड बढ़ती जा रही है। ठंड का आलम यह है कि लोग या तो घरों के अंदर रह रहे हैं या फिर अलाव से पूरे दिन चिपके रह रहे हैं। गलन चरम पर पहुंच गई है। गलन ने सड़कों को बेरौनक बनाकर रख दिया है। दुकानों पर भी अपेक्षाकृत कम ही ग्राहक पहुंच रहे हैं इससे दुकानदारी प्रभावित हो रही है। गर्म कपड़ों को पहने रहने के बावजूद ठंड का अहसास कम नहीं हो रहा है। अलाव के पास बैठ कर राहत जरूर महसूस कर रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में 14 जनवरी तक अवकाश है। बुधवार से स्कूल खुल जाएंगे। ऐसा ही मौसम रहा तो स्कूल आने जाने में बच्चे कांप जाएंगे।
पिछले मंगलवार को भी था ऐसा मौसम
मौसम की बेरुखी पहली बार इस तरह की नहीं हुई है। पिछले मंगलवार को भी ऐसा ही मौसम रहा। पूरे दिन गलन भरी ठंड से लोग कांपते रहे इस बार भी ऐसा ही है। फर्क इतना है कि पिछली बार हवा तेज चल रही थी इसबार हल्की है लेकिन गलन जबरदस्त है।
अलाव में गीली लकड़ियां
गलन भरी ठंड में गर्म कपड़े राहत नहीं दे पा रहे हैं। अलाव के करीब रहने से कुछ राहत जरूर मिल जा रही है। शहर में जल रहे अलाव में से अधिकांश स्थानों पर गीली लकड़ियां हैं जो जल नहीं पा रही है। कई स्थानों पर पेड़ों की जड़ें रखी गई हैं वह भी मिट्टी से भरी होने की वजह से ठीक से नहीं जल पा रही हैं।
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