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ताक पर नियम, आधी रात कैंपस से बाहर देखे जा रहे एमबीबीएस छात्र

Siddhart-nagar News - सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता।माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस 2023 बैच की छात्रा से अभद्रता करने पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

Newswrap हिन्दुस्तान, सिद्धार्थMon, 16 Dec 2024 02:31 AM
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सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस 2023 बैच की छात्रा से अभद्रता करने पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कॉलेज छात्रों के बाहर जाने के लिए न तो टोकन सिस्टम लागू कर सका है और न ही रात के समय हाजिरी लगता है, बल्कि रात 10 बजे के बाद बाहर न निकलने का नियम बना रखा है। इस नियम को ताक पर रखते हुए मनबढ़ छात्र-छात्राएं आधी रात कैंपस से बाहर देखे जा रहे हैं। छात्र-छात्राओं को आधी रात सूनसान जगहों पर देखने पर पूर्व में प्रशासन ने कॉलेज को आगाह भी किया था, बावजूद मनबढ़ों के चलते हालात नहीं सुधर पा रहे हैं।

दरअसल, मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस 2023 बैच की छात्रा से अभद्रता करने के आरोप में सहपाठी आठ छात्राएं सस्पेंड हो चुकी हैं। इन छात्राओं को तीन माह के लिए सस्पेंड किया गया है, लेकिन छात्र-छात्राओं की मनबढ़ई लंबे समय से चल रही है और इस पर लगाम लगाने में कॉलेज प्रशासन बेदम साबित हो रहा है। कॉलेज ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को शाम सात बजे तक हॉस्टल में पहुंचने का समय तय कर रखा, जबकि द्वितीय वर्ष से ऊपर के छात्र-छात्राओं को रात 10 बजे तक लाइब्रेरी खत्म होने पर हॉस्टल पहुंचने का नियम है, बावजूद यह नियम मनबढ़ई के आगे ताक पर है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्र-छात्राओं के आने-जाने पर रजिस्टर में इन और आउट का समय अंकित करना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कॉलेज करीबियों का कहना है कि छात्र-छात्राएं रात 10 बजे के बाद कैंपस से बाहर चले जा रहे हैं। आधी रात के वक्त घूमते हुए देखे जा रहे हैं। यह जब वापस लौटते हैं तो इनसे कोई सवाल-जवाब करने वाला नहीं होता है। जबकि पूर्व में प्रशासन के अधिकारियों ने कॉलेज के कई छात्र-छात्राओं को बीएसए ग्राउंड से लेकर पुलिस लाइन के बीच सुनसान जगहों पर देखते ही कॉलेज को फोन कर आगाह किया था, बावजूद यह स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। इससे भी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हैं।

बाहर जाने का यह है नियम

एमबीबीएस छात्र-छात्रओं को कैंपस से बाहर निकलने के लिए टोकन लेने का नियम है। इस टोकन पर ड्यूटी अवधि में मौजूद गार्ड को हस्ताक्षर करते हुए वार्डन को छात्र-छात्रा के बाहर जाने की सूचना देनी होती है। जिस पर आउट व इन का समयावधि भी अंकित होता है। यह टोकन सिस्टम 24 घंटे की अवधि में लागू होता है, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिगत दिन ढलने के बाद प्रभावी तौर पर लागू करना होता है। यह टोकन सिस्टम सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेज में नहीं है, बल्कि रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराया जाता है। रजिस्टर पर दूसरे का हस्ताक्षर कोई भी कर सकता है। टोकन वापस न मिलने पर पता चल जाता है कि कौन सा छात्र-छात्रा अभी नहीं लौटा है। रात 10 बजे के बाद सभी छात्र-छात्राओं की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए रात 11 बजे हाजिरी लेने का नियम है, यह भी नहीं होता है।

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को शाम सात बजे तक हॉस्टल पहुंचने का नियम है। द्वितीय वर्ष से ऊपर तक के छात्रों को लाइब्रेरी खुली होने के चलते रात 10 बजे तक की छूट है। इसके लिए रजिस्टर पर अंकित करके जाना होता है। इसके साथ ही द्वितीय वर्ष से ऊपर के छात्रों की स्वास्थ्य विंग में ड्यूटी भी लगती है, इसके लिए भी उन्हें रात में निकलने की छूट है। ड्यूटी से बचे लोगों को रात 10 बजे के बाद बाहर निकलने पर आदेश नहीं है। रात के वक्त हाजिरी नहीं ली जाती है। आगे से हाजिरी ली जाएगी।

डॉ. हस्मतुल्लाह, वार्डन, पुरुष हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज

एमबीबीएस छात्राओं को रात 8.30 बजे के बाद कैंपस से बाहर जाने पर पूरी तरह से पाबंदी है। लाइब्रेरी की समयावधि खत्म होने के बाद रात 10 बजे तक हॉस्टल पहुंच जाना है। इसके बाद प्रार्थना पत्र देने पर भी बाहर नहीं जा सकती हैं। अभिभावक को भी रात 10 बजे के बाद हॉस्टल में परमिशन नहीं है। अभिभावक रात के वक्त बाहर या घर ले जाना चाहते हैं तो प्रार्थनापत्र देना अनिवार्य है। छात्राओं को हॉस्टल से बाहर निकलने पर रजिस्टर पर इन व आउट अंकित करने का नियम है। हाजिरी ली जाती है। रात के वक्त छात्राओं के बाहर घूमने की कोई सूचना नहीं है।

डॉ. नीलम जायसवाल, वार्डन, महिला हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज

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