प्राण प्रतिष्ठा से पहले कराया मूर्ति मिलाप
Siddhart-nagar News - चित्र परिचयर्मिक आयोजन नगर भ्रमण कर कराया मूर्ति मिलाप, कथा के अंत में भक्तो को मिला प्रसाद डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के ऐतिहासिक सिद्ध

डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के ऐतिहासिक सिद्धपीठ मां वटवासिनी गालापुर महाकाली मंदिर परिसर में नवनिर्मित शिव मंदिर भगवान नर्वदेश्वर के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान चल रहे रुद्र महायज्ञ में गुरूवार को नगर भ्रमण व मूर्ति मिलाप का आयोजन किया गया। यात्रा का शुभारंभ विधिविधान से पूजन के उपरांत नगर भ्रमण करते हुए कटेश्वरनाथ प्राचीन शिव मंदिर पहुंची। यहां मूर्ति मिलाप हुआ। वापस गालापुर स्थान पर आने के उपरांत कथा कर भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया।
कार्यक्रम में जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि शास्त्र व संत दोनों ही मनुष्य को धर्म की राह पर चलने का मार्ग दिखाते हैं। कथाओं का लाभ हमें तब मिलेगा जब हम उसका अनुशरण अपने जीवन में करेंगे और उसी के अनुरूप व्यवहार करेंगे। कथा सुनने से मानव जीवन में संस्कारों का उदय होता है। उन्होंने बताया कि रामायण में भरत के स्थान पर अगर दुर्योधन अयोध्या में होते तो रामायण की जगह महाभारत लिखी गई होती और महाभारत में अगर दुर्योधन के स्थान पर अगर भरत होते तो महाभारत की जगह रामायण लिखी जाती, इसलिए सभी को अपने जीवन में राम और भरत बनने की आवश्यकता हैं। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि राम राज्य की स्थापना करना है तो समाज के अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति को गले लगाना होगा। इस दौरान कुंवर आनंद सिंह, योगेंद्र प्रताप सिंह, ऐश्वर्य राज, संजय सिंह, गोपेन्द्र सिंह, हरि सिंह, महेंद्र पाल सिंह, सौरभ पाल सिंह, अमरनाथ सिंह, शिवेंद्र सिंह, अमरेश सिंह, दिनेश सिंह, जयवर्धन तिवारी, मनोज मौर्या, राम मूरत यादव, विनोद मिश्र बाबा, बलराम दासजी महाराज, ठाकुर प्रसाद मिश्रा, मुकेश मिश्रा, सूर्य प्रकाश आदि मौजूद रहें।
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