नवजात को इंजेक्शन लगाने के नाम पर वसूली, टीम गठित
सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेज में एक नवजात बच्चे को इंजेक्शन लगाने के नाम पर तीन हजार रुपये वसूले गए। प्रधानाचार्य ने जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की है और तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।
सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम मेडिकल कॉलेज में प्रसव के बाद नवजात बच्चे को इंजेक्शन लगाने के नाम पर तीन हजार रुपये वसूली का मामला सामने आया है। मामले में प्रधानाचार्य ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट तलब की है।
सिविल लाइंस निवासी दीपेंद्र कुमार पांडेय ने शिकायती पत्र देकर बताया कि 16 अगस्त को उनकी पत्नी जूही पांडेय ने ऑपरेशन से मेडिकल कॉलेज में शिशु को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद नवजात बच्चे को एनआईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। इस दौरान वार्ड में कार्यरत स्टॉफ नर्स ने बताया कि बच्चे की हालत गंभीर है। डॉ.एसएन पटेल ने बच्चे को इंजेक्शन लगाने को कहा है जो कि अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। बिना इंजेक्शन के बच्चे की जान बच नहीं पाएगी। पीड़ित ने नर्स से इंजेक्शन का नाम लिखकर देने की बात कही ताकि वह बाहर से खरीद कर ला सके। इस दौरान नर्स ने कहा कि बाहर इंजेक्शन नहीं मिलेगा। चिकित्सक के आवास पर एक्सट्रा इंजेक्शन रखा है। पैसा दे दीजिए वहीं से इंजेक्शन लेकर आती हूं। नर्स ने बच्चे की प्राण रक्षा के नाम पर तीन हजार रुपये ले लिया। पीड़ित ने वसूली के मामले की शिकायत प्रधानाचार्य व अन्य अफसरों से की। प्रधानाचार्य डॉ. राजेश मोहन ने चार सदस्यीय टीम गठित कर रिपोर्ट तलब की है। समिति में आर्थोपेडिक्स विभाग के प्रोफेसर डॉ. गोविंद भगत, सर्जन डॉ. आशीष कुमार त्रिपाठी, एनाटॉमी विभाग के एसो. प्रो. डॉ. हसमतुल्लाह व बाल रोग विभाग की डॉ. नम्रता को रखा गया है। इन सभी से प्रकरण की जांच कर तीन दिन अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
एक नवजात बच्चे को इंजेक्शन लगाने के नाम पर पैसे वसूली की शिकायत मिली है। प्रकरण की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। समिति से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रो. डॉ.राजेश मोहन, प्रधानाचार्य, मेडिकल कॉलेज
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