कबाड़ी सिर्फ परिषदीय विद्यालयों की किताबें ही नहीं बहुत कुछ खरीदते हैं
कबाड़ी सिर्फ परिषदीय विद्यालयों की किताबें ही नहीं बहुत कुछ खरीदते हैं कारोबार करने वालों की कभी जांच भी नहीं होती है इससे धंधा मंदा नहीं पड़ता है।
बांसी, हिन्दुस्तान संवाद। बांसी क्षेत्र में कबाड़ा का बड़ा कारोबार है। पांच दर्जन से अधिक दुकानें हैं। मंगलवार को एक कबाड़ की दुकान से भारी मात्रा में परिषदीय विद्यालयों में बंटने के लिए आई पाठय पुस्तकों की बरामदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। चर्चा है कबाड़ी घर के कबाड़ के सामानों से ज्यादा सरकारी सामानों की खरीद में दिलचस्पी रखते हैं क्योंकि कम दाम में खरीद कर अधिक मुनाफा कमाते हैं। कबाड़ का कारोबार करने वालों की कभी जांच भी नहीं होती है इससे धंधा मंदा नहीं पड़ता है।
बांसी बीआरसी पर परिषदीय विद्यालय के बच्चों में निशुल्क बंटने के लिए आई पाठय पुस्तकें मंगलवार को एक कबाड़ी की दुकान से बरामद हुई तो हड़कंप मच गया। आननफानन में कार्रवाई भी हो गई और चार लोगों की गिरफ्तारी भी हो गई। मामला सिर्फ किताबों की बरामदगी का नहीं है बल्कि इतनी बड़ी संख्या में मौजूद कबाड़ की दुकानों पर बाकी सामानों के खरीद का भी है। कहा जाता है वह लोग सरकारी लोहों की भी जम कर खरीद करते हैं। उन्हें चोरी कर कौन बेचता है यह तो मामला खुलने पर ही पता चल सकेगा। बताया जाता है कि कबाड़ व्यवसायी खरीदे गए कबाड़ों को रात के अंधेरे में ट्रक पर लोड कर बाहर भेजते हैं इससे किसी की नजर उनके सामानों पर भी नहीं पड़ पाती है।
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कबाड़ की दुकान से बीआरसी की किताबें बरामदगी का मामला काफी गंभीर है। इस मामले को लेकर शीघ्र ही तहसील क्षेत्र के तीनों ब्लॉकों में सघन जांच अभियान चलाई जाएगी। अगर कहीं गड़बड़ी और मिलती है तो उसके खिलाफ भी विधिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप कुमार यादव, एसडीएम
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