सम्पूर्ण विश्व को एक सूत्र में पिरोए रख सकती सिर्फ हिन्दी भाषा

इटवा में सिद्घार्थ तथागत कला साहित्य संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सृजन सम्मान समारोह और हिन्दी पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि आयकर आयुक्त अमलेन्दु नाथ मिश्र ने हिन्दी की महत्ता पर जोर...

Newswrap हिन्दुस्तान, सिद्धार्थMon, 11 Nov 2024 05:02 PM
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इटवा, हिन्दुस्तान संवाद। इटवा कस्बे के शर्मा होम्योपैथिक रिसर्च सेंटर के कांफ्रेस हाल में रविवार रात सिद्घार्थ तथागत कला साहित्य संस्थान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सृजन सम्मान समारोह व हिन्दी भाषा पर वृहद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। नेपाल के साथ भारत के कई राज्यों के मूर्धन्य एवं मर्मज्ञ हिन्दी विद्वानों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि आयकर आयुक्त गोरखपुर अमलेन्दु नाथ मिश्र, विशिष्ट अतिथि नेपाल की चर्चित साहित्यकारा और सांसद डॉ रेखा यादव निर्झर, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सीवान प्रतिभा चौहान, मिरिक दार्जलिंग की पूर्व चेयरपर्सन और चर्चित लेखिका डॉ कमला तमांङ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। संगोष्ठी में वर्तमान हिन्दी लेखन की दशा दिशा पर मंथन व चिंतन किया गया। विद्वानों ने हिन्दी भाषा पर एक मत जाहिर करते हुए कहा कि सम्पूर्ण विश्व को एक सूत्र में सिर्फ हिन्दी ही पिरोए रख सकती है। इसलिए सभी को इसे बढ़ावा देने की जरूरत है।

मुख्य अतिथि गोरखपुर के आयकर आयुक्त ने कहा कि अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिन्दी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह काफी सरल और मधुर के साथ समृद्घ भी है। अगर सच में हिन्दी को बढ़ावा देना है तो इसे हमें पूरा सम्मान देना होगा। इसका प्रयोग करते समय हीन भावना को दूर करना होगा। नेपाल की चर्चित साहित्यकारा और सांसद डॉ रेखा यादव निर्झर कहा कि हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए सभी को नई पीढ़ी के बीच सृजनात्मकता को बढ़ाने की जरूरत ताकि भावी पीढ़ी सलीके से समझ और पढ़कर आगे बढ़ सके। सिद्घार्थ तथागत साहित्य संस्था के अध्यक्ष डॉ भास्कर शर्मा ने कहा कि देश के सुदूर पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, असम, मेघालय, अरुणाचल, मणिपुर आदि अहिंदी भाषी क्षेत्र सहित नेपाल, भूटान, श्रीलंका आदि देशों के साहित्यकार जो अहिंदी भाषी होने के बावजूद हिंदी में लेखन कार्य कर रहे हैं ऐसे लोगों को उनके कार्य के लिए प्रोत्साहित करते हुए संस्था गौरवान्वित महसूस कर रही है। इस दौरान भारत नेपाल की लघुकथाएं के संपादक राजेंद्र परदेसी, डॉ कमला तमांग और डॉ सूर्य प्रसाद लकोजू, प्रतिभा चौहान की कविता संग्रह युद्घ में जीवन और नेपाल की सांसद और साहित्यकार डॉ रेखा यादव निर्झर की कविता संग्रह सुस्तरी का लोकार्पण भी हुआ। समारोह का संचालन गृह मंत्रालय में राजभाषा विभाग के सहायक निदेशक डॉ रघुवीर शर्मा और संस्था के सचिव संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में प्रो़ डॉ़ हंसराज कुशवाहा, पंकज पाण्डेय, लक्ष्मण पाण्डेय, मनोज सिदार्थ, जयकिशोर गौतम, हरिश्चन्द्र, राम अवतार प्रजापति, गोविन्द मौर्या, मौलाना मुज्जमिल हुसैन आदि मौजूद रहे।

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