बदलते मौसम में रहें सतर्क, नहीं तो झेलनी होगी दिक्कत
सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम नवंबर माह बीतने को है। ठंड भी शुरू हो गई
सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम नवंबर माह बीतने को है। ठंड भी शुरू हो गई है। सुबह-शाम ठंड व दोपहर के समय धूप निकलने से गर्मी जैसा अहसास हो रहा है। इस बदलते मौसम में सतर्क रहने की जरूरत है। इसमें लापरवाही करने वाले सर्दी, खांसी, जुकाम की चपेट में होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। वहीं ठंड लगने से पेट दर्द की भी दिक्कत बनी है। नाक ड्राइनेस हो रहा है। बच्चे भी लापरवाही से मौसमी बीमारी की चपेट में हैं। बच्चों को लेकर सतर्क होने के साथ-साथ खुले में खेलने पर ब्रेक लगाना सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा।
ठंड की आमद के साथ नवंबर माह का अंतिम समय चल रहा है। जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मौसमी बीमारी से परेशान मरीजों का रेला उमड़ रहा है। यह मौसमी बीमारी सिर्फ लापरवाही करने से लोगों को अपनी चपेट में ली है। मेडिकल कॉलेज की डॉ. विश्व ज्योति ने बताया कि नवंबर माह शुरू होते ही ठंड ने दस्तक दे दी है। जनपद सिद्धार्थनगर तराई का बेल्ट होने की वजह से ठंड यहां काफी प्रभावी रहता है। ऐसे में लोगों को सतर्क व अलर्ट न होने से मौसमी बीमारी चपेट में ले रहा है। इसके चलते सर्दी, खांसी, जुकाम हो रहा है। यह धीरे-धीरे बुखार में तब्दील होकर हड्डी तोड़ हरारत पैदा कर दे रहा है। दिक्कत महसूस होने पर तत्काल परामर्श न लेना सबसे बड़ा घातक साबित हो रहा है। विलंब से परामर्श लेने के चलते बीमारी परेशान कर दे रही है और स्वस्थ होने में सप्ताह भर का समय लग जा रहा है। ऐसे में मौसमी बीमारी का एहसास होते ही तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेकर इलाज करें।
मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. फजल खान ने कहा कि ठंड के मौसम में बच्चों को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। सामान्य तौर पर लोग बच्चों को खुले में खेलने के लिए छोड़ दे रहे हैं। बच्चे फर्श पर खेल रहे हैं। शरीर पर ऊनी वस्त्र नहीं है। पैर से जूता-मोजा गायब है। यह बच्चों को सर्दी, खांसी के साथ बुखार का मरीज बना रहा है। इसमें लापरवाही करना निमोनिया का खतरा है। ऐसे में बच्चों को पहनावे पर विशेष ध्यान दें। पहना ठीक होने पर बीमारी से बचा जा सकता है। नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि मौसम में ठंड के घुलने से ड्राइनेस की दिक्कत बढ़ रही है। नाक लगातार सूख रहा है। इससे पपड़ी बनकर कभी-कभी रक्त भी नाक के जरिए आ रहा है। इस दिक्कत को लेकर परेशान होने की बजाए नाक को गीला रखें। इसके लिए कोई भी साफ्ट क्रीम लगा सकते हैं। इसके बाद भी दिक्कत हो तो चिकित्सकीय परामर्श से उपचार करें।
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