राजा परीक्षित की कथा सुन भाव विभोर हो गए श्रद्धालु
Siddhart-nagar News - 18 एसआईडीडी 01: भनवापुर क्षेत्र के महादेव गजपुर गांव में सोमवार की रात कथावाचक पंडित विपिन शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कथा सुनाई।

सोहना, हिन्दुस्तान संवाद। भनवापुर क्षेत्र के महादेव गजपुर गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार की रात कथावाचक पंडित विपिन शास्त्री ने राजा परीक्षित की कथा सुनाई। इसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
कथावाचक ने बताया कि राजा परीक्षित ने समीक ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया था। यह समाचार सुनकर कौशिकी नदी में स्नान कर रहे ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने व्यथित होकर राजा को श्राप दे दिया। उन्होंने कहा कि सातवें दिन तक्षक नाग के डसने से राजा की मृत्यु होगी। राजा परीक्षित ने श्राप से मुक्ति का मार्ग जानने के लिए गंगा तट पर ऋषि-मुनियों से संपर्क किया। वहां सुकदेव जी ने उन्हें श्रीमद्भागवत कथा का ज्ञान दिया। कथा सुनने के सातवें दिन राजा को मोक्ष की प्राप्ति हुई। कथावाचक ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य के मोक्ष का द्वार खुल जाता है। उन्होंने सभी को जीवन में एक बार भागवत कथा सुनने को कहा। इस अवसर पर राम निवास गुप्त, संतोष गुप्त, बड़कन शर्मा, डाहे विश्वकर्मा, भानु विश्वकर्मा, सूरज मौर्य आदि मौजूद रहे।
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