अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने को लेकर प्रशासन अलर्ट
Siddhart-nagar News - एक धर्माचार्य ने बाल विवाह होने पर विरोध जताने का ऐलान किया पर है, वहीं एक धर्माचार्य ने बाल विवाह होने पर विरोध जताने का ऐलान किया है। महिला विभाग से

सिद्धार्थनगर, हिटी। अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को है। इस दिन सैंकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे और यहीं वह दिन है, जब सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले सामने आते हैं। ऐसे में जहां प्रशासन अक्षय तृतीया को लेकर अलर्ट पर है, वहीं एक धर्माचार्य ने बाल विवाह होने पर विरोध जताने का ऐलान किया है। महिला विभाग से संबंधित सभी विभागों को अलर्ट किया गया है।
शासन के निर्देश पर जिले को भी बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए विभाग काम कर रहा है। जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय सिंह ने बताया कि अक्षय तृतीया पर्व पर गांव में सबसे ज्यादा शादियां होती हैं और इस दिन शुभ मुहूर्त होते हैं तो हमने अपना सूचना तंत्र इतना प्रभावशाली रखा है कि हम इसे रोक पाने में सफल होंगे। इस जिले में अभी तक एक भी बाल विवाह करने संबंधी प्रकरण सामने नहीं आया है। बताया कि अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताया जा चुका है।
अक्षय तृतीया पर विवाह करना बहुत शुभकारी
श्री सिहेंश्वरी देवी मंदिर के पुजारी पंडित शारदा प्रसाद पांडेय ने बताया कि अक्षय तृतीया पर विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है। क्योंकि यह एक अबूझ मुहूर्त है और इस दिन किए गए कार्यों का अक्षय फल मिलता है। मान्यता है कि इस दिन विवाह करने से जीवन भर साथ रहने का वरदान मिलता है और पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है। अक्षय तृतीया को त्रेता युग की शुरुआत का दिन भी माना जाता है, जब भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार लिया था। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन भी हुआ था। इन धार्मिक मान्यताओं के कारण अक्षय तृतीया विवाह के लिए एक विशेष दिन बन गई है। इसलिए इस दिन सबसे ज्यादा विवाह होते हैं। इससे शुभ और कोई मुहूर्त नहीं होता।
.....
मौके पर जाकर करेंगे विरोध
अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह के मद्देनजर सूचना मिलने पर मौके पर जाकर विरोध जताया जाएगा और इससे कानूनन, पौराणिक और सांस्कृति रूप से होने वाले नुकसान के प्रति समाज को आगाह किया जाएगा। ये बातें श्री सिहेंश्वरी देवी मंदिर के व्यवस्था संचालक आचार्य दिव्यांशु ने कहीं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर अपनी साथियों के साथ मौके पर जाएंगे। समझाने के बाद भी कोई बात नहीं बनती है तो कानून के सहारे आगे की कार्रवाई कराने की पहल करेंगे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।