Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़श्रावस्तीEmotional Ram Leela Performance in Katra Ram-Kewat Dialogue and Bharat s Efforts to Convince Ram

शीश पर खड़ाऊ और आंखों में पानी,राम भक्त ले चला रे राम की निशानी

कटरा। संवाददाता कटरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत खारगौरा गनेश के मजरा बाजाजोत मुश्काबाद

Newswrap हिन्दुस्तान, श्रावस्तीFri, 25 Oct 2024 05:17 PM
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कटरा। संवाददाता कटरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत खारगौरा गनेश के मजरा बाजाजोत मुश्काबाद में चल रही रामलीला में पांचवें दिन गुरुवार की रात राम केवट संवाद व राम को मनाने भरत जाते हैं का मंचन किया गया। जिसे देख कर दर्शकों की आंखों में पानी आ गया।

सर्वप्रथम कमेटी के संचालक उमेश चंद्र शुक्ला, व्यवस्थापक मधुसूदन शुक्ला, कोषाध्यक्ष दद्दन शुक्ला, और ननकुन्ने वर्मा प्रभु श्री रामचंद्र और माता सीता और लक्ष्मण जी का आरती उतार कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद कलाकारों ने राम केवट संवाद प्रसंग का मंचन किया। केवट ने प्रभु श्री रामचंद्र का पैर घुलने के बाद नाव से पार उतारा। उधर अयोध्या में सुमंत के वापस पहुंचते ही राजा दशरथ राम के बारे में पूछते हैं और पता चलता है कि राम वन चले गए तो राजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। भरत जब ननिहाल से वापस आते हैं तो कहते हैं मुझे राज्य नहीं चाहिए। मेरा कल्याण तो भैया राम की चाकरी में है। भरत-शत्रुघ्न श्रीराम को मनाने के लिए निकलते हैं। चलते चलते चित्रकूट पहुंचे है। यहां राम-सीता व लक्ष्मण के साथ विराजमान हैं।

एक भील आता है और भरत के सेना के साथ आने की जानकारी देता है। लक्ष्मण को संशय होता है राम उन्हें समझाते हैं। इस बीच भरत पहुंचते हैं और भगवान श्रीराम को देखते ही उनसे लिपट जाते हैं। राम-भरत मिलाप के इस मार्मिक दृश्य को देखकर सभी की आंखें भर आती हैं। भरत सहित माताएं गुरुदेव सभी राम को मनाने की कोशिश करते हैं। वशिष्ठ कहते हैं कि आप अपनी चरण पादुका भरत को सौंप दें। जिन्हें राजगद्दी पर रखकर भरत लाल राज करेंगे। भरत श्रीराम की चरण पादुका माथे पर लगाते हैं और भरत सिर पर रख कर चल देते हैं। इस बीच गीत होता है शीश पर खड़ाऊं और आंखों में पानी, रामभक्त ले चला रे राम की निशानी।

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