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श्रावस्ती-10 वर्षों से टूटे हुए पुल को है निर्माण का इंतजार

रतनापुर में सरयू नहर की माइनर नहर पर बना पुल 2014 में टूट गया था। इससे चारपहिया वाहनों का आवागमन बंद हो गया है और गांवों के लोगों को अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। पुल की स्थिति खतरनाक है, जिससे...

Newswrap हिन्दुस्तान, श्रावस्तीSat, 23 Nov 2024 05:05 PM
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रतनापुर, संवाददाता। सरयू नहर की मुख्य शाखा से निकली माइनर नहर पर बना पुल 10 वर्ष पहले टूट गया था। पुल की छत टूट कर लटकी हुई है। पुल टूटने के बाद से चारपहिया वाहनों का आवागमन बंद है और लोगों को अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। सरयू नहर की मुख्य शाखा से निकली माइनर नहर विकास क्षेत्र गिलौला के महतव पुरवा गांव से होकर गुजरी है। इस गांव के सामने ही लोगों के आने जाने के लिए माइनर नहर पर पुल का निर्माण कराया गया था। वर्ष 2014 में माइनर में पानी अधिक आ जाने पर पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल बीच से टूट गया और उसके स्तम्भ भी क्षतिग्रस्त हो गए। इससे छत टूटकर लटक गई। बीच में दरारे भी आ गई। वहीं दीवाल भी क्षतिग्रस्त हो गई। पुल टूटने के बाद चारपहिया वाहनों का आवागमन पुल से बंद हो गया। तभी से लोग पैदल व बाइक लेकर किसी तरह से पुल से होकर निकल रहे हैं। इस दौरान भी हादसे का डर बना रहता है। पुल की स्थिति ऐसी है कि पुल कब गिर जाय पता नहीं है। लेकिन अतिरिक्त चक्कर काटने से बचने के लिए क्षतिग्रस्त पुल से होकर आवागमन करना लोगों की मजबूरी बनी हुई है। लोगों के खेत नहर की दूसरी तरफ हैं। खेतों तक ट्रैक्टर ट्राली नहीं पहुंच पाती है। लोगों का कहना है कि पुल से होकर ही गांव का मुख्य मार्ग है। लेकिन जब से पूल टूट गया है। तब से लोगों को नहर के उस पार जाने के लिए अतिरिक्त चक्कर लगाकर दूसरे पुल से होकर जाना पड़ता है। जब नहर में पानी नहीं होता तो लोग क्षतिग्रस्त पुल से पैदल व बाइक लेकर निकल जाते हैं। लेकिन बारिश के दिनों में या जब माइनर में पानी आ जाता है तब पुल से आवागमन नहीं किया जाता। क्योंकि पुल के पूरी तरह से टूटकर नहर में गिरने की संभावना बन जाती है।

इनसेट-

इन तीन गांवों के लोगों को हो रही समस्या-

महतव पुरवा गांव के साथ ही नन्दू पुरवा व माल भेखारा गांव के लोगों का मुख्य मार्ग माइनर पर बने पुल से होकर जाता है। जब से पुल क्षतिग्रस्त हुआ है तब से इन तीनों गांवों के लोगों के लिए सीधे रास्ते की समस्या आ गई है। पुल से होकर सीधा रास्ता मल्हीपुर मार्ग को जोड़ता है। लेकिन पुल टूट जाने के बाद से लोगों को मल्हीपुर मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। कृषि कार्य के दिनों में नहर के दूसरी पार स्थित खेतों तक ट्रैक्टर ट्राली ले जाने में भी किसानों को दिक्कत होती है। उन्हें भी अतिरिक्त दूरी तय कर खेतों तक पहुंचना पड़ता है। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे है।

इनसेट-

पुल की मरम्मत नहीं हुई तो कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा-

पुल बीच से टूटा हुआ है और दरारे पड़ गई हैं। जिसके कभी भी गिरने की संभावना बनी रहती है। सीधे रास्ते के चक्कर में लोग क्षतिग्रस्त पुल से आते जाते हैं। इस दौरान यदि पुल टूटकर नीचे गिरा तो बड़ा हादसा हो सकता है। गांव निवासी भानु यादव, प्रकाश यादव, काली प्रसाद, राजू, नन्द कुमत आदि लोगों ने बताया कि 2014 में पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। तब से गांवों का सीधा रास्ता प्रभावित है। चारपहिया वाहन नहीं निकल रहे हैं। लोग पैदल व बाइक से किसी तरह आवागमन करते हैं। बड़े वाहनों से आने जाने के लिए अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। लोगों ने पुल की मरम्मत या फिर नए पुल के निर्माण की मांग की है।

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