गिरता भूजल स्तर, दमतोड रहे पेयजल संसाधन
थाना भवन में पेयजल संकट बढ़ रहा है। भू जल स्तर तेजी से गिर रहा है, जबकि तालाब और जलाशय भूमाफियाओं के कब्जे में आ गए हैं। सबमर्सिबल पंपों का अंधाधुंध उपयोग स्थिति को और बिगाड़ रहा है। नगर पंचायत...
नियति ने आखिरकार ट्रिगर दबा ही दिया लगता है। जी हां । नगर का पेयजल संसाधन दम तोड़ने लगा है। क्षेत्र में भारी पेयजल दूहन के चलते बड़ी तेजी से भू जल स्तर गिर रहा है। वही थानाभवन नगर हो या क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में भू जल स्तर को संरक्षण देने वाले अधिकतर जलाशय, तालाब भूमाफियाओं के कब्जों के कारण सिमटते जा रहें है। थानाभवन नगर की बात करे तो नगर में गत दो से तीन साल के भीतर भू जल स्तर इतना गिरता जा रहा है कि नगर में कुछ ही वर्षों पूर्व नागरिकों के लिए भरपूर पेय जल संसाधन बने हैंड पंप का स्वयं का गला सुख गया है। वही कम गहराई में लगे सबमर सिबाल या तो ठप हो गए हैं या फिर पानी की ग्रेविटी इतनी है कि उसे पीना संभव नहीं है। पेयजल संरक्षण के लिए बड़ी संख्या में स्थित थानाभवन नगर पंचायत क्षेत्र में ही लगभग एक दर्जन से अधिक तालाबों में अब मात्र इक्का दुक्का तालाब बचे हैं जिनका अस्तित्व भी राजनेतिक संरक्षण के चलते भूमाफियाओं की भेट चढ सिमटते जा रहे हैं। इसपर सबसे बड़ा सवाल ये की अगर तालाब सिमट रहे है तो नगर की दिनचर्या का निकासी का पानी क्या संरक्षित हो रहा है। जी नहीं। नगर में प्रतिदिन भू जल दोहन के कारण धरती से हजारों लीटर पानी निकाला तो जा रहा है लेकिन रिसाइकिलिंग की कोई व्यवस्था नहीं रही। क्योंकि नगर की दिनचर्या का प्रतिदिन निकलने वाला यह अनमोल कीमती जल नालों के माध्यम से कृष्णी नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। वर्षो से चली आ रही प्रक्रिया के चलते लगातार नगर का भूजल स्तर गिरता जा रहा है। जिससे क्षेत्र में आनेवाले समय में पेय जल संकट आना लगभग तय नजर आ रहा है। नगर निवासी बोरिंग एक्सपर्ट माने जाने वाले किरणपाल सैनी आदि का कहना है कि नगर में 150 फूट से ऊपर का जल भी कुछ स्थानों पर पेयजल में प्रयोग हो रहा है कही स्थानों पर 180 से अधिक फूट गहराई में भी पेयजल नही मिल रहा है।
जल स्तर गिरना का मुख्य स्रोत एबमार्सिबल...
क्षेत्र में जहा भू जल रिसाइकिलिंग प्रणाली लगभग पूरी तरह ठप होती जा रही है तो भू जल स्तर को गिराने में बड़ी भागीदारी लगातार घरों में बढ़ रहे सबमर्सिबल भी निभा रहे हैं। कुछ ही सेकेण्ड में लगभग दस से पच्चीस लीटर पानी का दोहन कर देने की क्षमता वाले ये सबमर्सिबल का लोग बड़ी लापरवाही से प्रयोग कर रहे हैं। बहुत से लोग सबमर्सिबल पंप से पशुओं, वाहनों, फर्श आदि को धोने का काम कर सैकड़ो लीटर अमूल्य पेयजल मिंटो में बहा रहे हैं। जो आने वाली उन्ही लोगो की नस्लों के लिए अभिशाप होना निश्चित है आने वाले बच्चो को जो पेयजल अब हमे 200 फीट से भी नीचे के बोरिंग में मिल रहा है वो मिलना संभव ही नहीं होगा।
हिंदुस्तान टीम का संदेश ...
अंत में दुनिया की दुखद यात्रा का यह समय किसी के भी पास आएगा, इसलिए पानी का संयम से उपयोग करें।
पानी बर्बाद करना बंद करो। हमने रेल द्वारा लातूर (महाराष्ट्र) को पानी भेजते हुए भी देखा है। विश्व का केवल 2.7% जल ही पीने योग्य है।
एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हम पानी की बर्बादी को रोककर पानी की बचत करेंगे। आप इसे आसानी से कर सकते हैं। कार, बाइक को रोज न धोएं, आंगन, सीढ़ी फर्श को धुलना अवॉयड करें या धोने में पानी कम से कम प्रयोग करें, पंप को लगातार चालू न रखें, घर में टपकते नल को ठीक करें, पेड़ के गमले में कम से कम पानी डालें।
नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने बताया कि तालाब पर पूर्व वर्षो से कब्जे की शिकायतों के लिए जांच के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य लिपिक संजय डिमोरिया ने बताया कि नगर में लगभग दो सो सरकारी हैंड पंप लगाए गए हैं जिनमें खराब होने की शिकायत मिलते ही ठीक करा दिए जाते है। नगर में पेयजल के लिए पाइप लाइन की उचित व्यवस्था है।
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