Hindi NewsUttar-pradesh NewsShamli NewsShamli District Ranks 17th in Student ID Creation in UP Chitrakoot Tops with 1 63 Lakh IDs

छात्र छात्राओं की अपार आईडी बनाने में शामली का सूबे में 17 वां स्थान

Shamli News - ले में कुल 2 लाख 47 हजार के करीब छात्र छात्राओं की बननी थी अपार आईडी - अभी तक कुल 1 लाख 16 हजार

Newswrap हिन्दुस्तान, शामलीTue, 18 Feb 2025 01:29 AM
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छात्र छात्राओं की अपार आईडी बनाने में शामली का सूबे में 17 वां स्थान

प्रदेश में जिले का छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने के मामले में 17 स्थान आया है। वही प्रथम स्थान पर चित्रकूट के शिक्षा विभाग द्वारा 1लाख 63 हजार छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाकर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानि छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने का जोरो पर चल रहा है लेकिन बोर्ड परीक्षाओं के आगमन के चलते इसकी गति धीमी हो गई है। जिले में बेसिक से लेकर माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा तक दो लाख 47 हजार छात्र छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा नही है। अब तक एक लाख 51 हजार छात्र छात्राओं की अपार आईडी बनी है। जो 61.40 प्रतिशत है, लेकिन अभी भी जिले में करीब 38.59 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी नही बनी है। इसमें निजी एवं सीबीएसई स्कूल सबसं पीछे है। दसूरे यूपी बोर्ड के माध्यमिक निजी स्कूलों में साठ फीसदी काम पूरा हो गया है। जबकि सभी राजकीय विद्यालयों के छात्रों की अपार आईडी बनाई जा चुकी है। अब आईसीएसई, सीबीएसई एवं यूपी बोर्ड की परीक्षाएं भी आ गई है इसलिए शिक्षक इसकी तैयारियों में लगे है। इस कारण कार्य कुछ धीमा चल रहा है। शामली जिले का प्रदेश में 17 वां स्थान आया है। वही चित्रकूट ने 73 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाकर प्रदेश में प्रथम स्थान, पीलीभीत ने 72.15 प्रतिशत आईडी बना दूसरा, कोशाम्बी में 71.25 प्रतिशत आईडी बिना तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

क्या है अपार आईडी

अपार आईडी एक 12 अंकों का कोड है, जिससे छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखा जाता है। इसे ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री भी कहा जाता है। यह भारत सरकार की एक पहल है। जिसमें छात्र-छात्राओं के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड एक ही जगह पर सुरक्षित रहते हैं। छात्रों को डिजी लॉकर की सुविधा मिलती है, जिससे वे अपनी मार्कशीट, डिग्री, और सर्टिफ़िकेट को डिजिटल रूप से सुरक्षित रख सकते हैं। छात्रों के शैक्षणिक सफ़र की पूरी जानकारी एक जगह उपलब्ध रहती है। छात्रों के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड को एक प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध कराया जाता है।

कोट-

जिले में 2.47 लाख छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जानी है। जिसमें से 1.51 लाख के करीब छात्र-छात्राओं की 12 अंको की अपार आईडी बनाई जा चुकी है। शेष की अपार आईडी शिक्षण संस्थानों द्वारा बनाई जा रही है। वही कुछ छात्र-छात्राओं के आधार में कमी हाने के कारण नही बन पा रही है।

प्रवीण कुमार - जिला समन्वयक

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