Hindi NewsUttar-pradesh NewsShamli NewsRising Cases of Respiratory Illnesses in District Hospital Due to Cold and Viral Fever

कमजोर फेफडों के लिए घातक हो रहा वायरल बुखार

Shamli News - जिला अस्पताल में ठंड और वायरल बुखार के कारण सांस संबंधी फेफड़ों के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। 40 साल से अधिक उम्र के मरीजों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है। चिकित्सकों का कहना है कि वायरल...

Newswrap हिन्दुस्तान, शामलीWed, 1 Jan 2025 11:02 PM
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जिला अस्पताल में बढती ठंड व वायरल बुखार के चलते सांस संबन्धि फेफडों के रोगी लगातार बढ़तें जा रहे है। कमजोर फेफड़े वाले रोगियों के लिए वायरल बुखार भी खतरनाक साबित हो रहा है। 40 अधिक साल से अधिक उम्र के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीने में इन्फेक्शन के साथ हृदय रोग से संबंधित मरीज भी बढ़े हैं। जिला अस्पताल में रोजाना करीब एक हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है जिनमें से करीब 100 से अधिक मरीज फेफड़ों से संबंधित मरीज रोजाना अपना इलाज कराने जिला अस्पताल में पहुंचते है। चिकित्सकों का कहना है कि वायरल फीवर आने से शरीर का 10 फीसदी कोई भी हिस्सा जिसमें फेफड़ा खासतौर से हार्ट प्रभावित हो सकता है। इसके दुष्परिणाम लंबे समय तक देखे जा सकते हैं। कम उम्र में हार्ट अटैक फेफड़े और हृदय संबंधी बीमारियों के लिए दुषित खानपान, धूम्रपान, शराब का सेवन, फास्ट फूड के और नियमित रूप कसरत न करना, रोजगार संबंधी चिंताएं, कार्य का प्रेशर और कार्य के घंटे तथा परिवार का दबाव भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। इन बिमारियों के चलते मरीजों की संख्या पिछले कुछ दिनों से बढ़ी है।

जिला अस्पताल में पहले फेफडों से सम्बन्धित मरीज रोजाना 40 से 50 आते थे। लेकिन अब इस तरह के मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है। चिकित्सकों का यह भी अनुमान है कि कोविड-19 के बाद इन बीमारियों में लगातार वृद्धि हुई है और मरीजों के उपचार की अवधि भी बढ़ गई है, और लंबे अर्से तक कुछ विकृतियां शरीर में स्थिर भी रह जाती हैं। सीने में इंफेक्शन के साथ दमा, अस्थमा और वायरल बुखार के मरीज मिल रहे हैं। पहले की अपेक्षा वायरल बुखार को ठीक होने में करीब दो सप्ताह से अधिक समय लगता है।

40 की उम्र के लोगों में मिल रहे अधिकतर फेफड़े व हृदय संबंधी रोगी

हृदय, लीवर, दमा, चेस्ट संबंधी आदि बीमारियां जहां पहले उम्रदराज व वृद्ध लोगों में ज्यादा हुआ करती थी। वहीं अब यह बीमारियां 40 साल की उम्र के लोगों में भी बहुत ज्यादा देखने को मिल रही हैं।

जनरल फिजिशियन रजत शर्मा ने बताया की इस समय पड रही कडाके की ठंड से फेफडों के रोग के मरीजों को अधिक परेशानिया झेलनी पड रही है। वही अधिक दिनों तक वायरल बुखार के मरीजों को भी फेफडों के रोग से जूझना पड रहा है। इससे बचने के लिए नियमित कसरत और पोस्टीक आहार करना चाहिए साथ ही बाहरी खानपान से बचें। सर्दीयों में कोहरे से बचें और गर्म कपडे व गर्म पानी का प्रयोग करें।

ऐसे घटती-बढ़़ती रही मरीजों की कतार

तिथि नए पुराने कुल मरीज

24 दिसम्बर 60 56 116

25 दिसम्बर 50 49 99

26 दिसम्बर 64 63 125

28 दिसम्बर 72 41 113

30 दिसम्बर 47 40 87

31 दिसम्बर 60 55 115

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