अधिक वसूली की गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस कराने की मांग
सेवानिवृत्त कर्मचारियों और पेंशनरों ने एडीएम को ज्ञापन देकर 10 वर्ष बाद राशिकरण की धनराशि की वसूली बंद करने और अधिक वसूली गई राशि को पेंशनर के खाते में वापस करने की मांग की। साथ ही, पेंशन में बढ़ोतरी...
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एडीएम को ज्ञापन देकर राशिकरण की धनराशि की वसूली 10 वर्ष पर बन्द करने व अधिक वसूली की गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस कराने की मांग की। साथ ही उन्होने अवधि के आधार पर पेंशन में बढ़ोत्तरी किये जाने की भी मांग की है। शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम एडीएम संतोष कुमार सिंह को दिए ज्ञापन में उन्होंने कहा कि पेंशनरों से सम्बन्धित प्रमुख रुप से उक्त दो ज्वलंत समस्याओं के निवारण कराया जाये। कहा कि राशिकरण की धनराशि की कटौती 10 वर्ष के पश्चात् बन्द करने व अधिक वसूली की गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस जमा कराया जाये। कहा कि शासनादेश के अनुसार पेंशन के एक रुपये के राशिकृत होने पर पेंशनर को 98.32 रुपया मिलता है और इसके सापेक्ष 180 रुपया पेंशनर से काटा जाता है। इस प्रकार राशिकृत धनराशि की वसूली 8 वर्ष 3 माह में पूरी हो जाती है।
शासनादेशों एवं नियमों में ब्याज वसूलने का कोई प्राविधान नहीं है। इस तरह यह सिद्ध है कि 10 वर्ष से अधिक कटौती करना पेंशनरों के साथ पूरी तरह अन्याय है। संगठन का अनुरोध है कि 10 वर्ष के पश्चात् पेंशन के राशिकरण की कटौती बन्द की जाये तथा अधिक वसूली गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस जमा किया जाये। कहा कि वर्तमान में 80, 85, 90, 95, 100 वर्ष की आयु होने पर पेंशनरों की पेंशन में कमशः 20, 30, 40, 50, 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्राविधान है। विशेष रुप से देखने की यह बात है कि पेंशनरों की अधिकांश संख्या 65 से 80 वर्ष की है और उनकी पेंशन में बढ़ोत्तरी का कोई प्राविधान नहीं किया गया है। प्रकरण के आंकड़ों को खंगालने से भी स्पष्ट हुआ है कि 80 से अधिक आयु पर लाभान्वित् होने वालों की संख्या अत्यन्त न्यून है। 65, 70 एवं 75 वर्ष पर कमशः 5, 10 व 15 वर्ष पर पेंशन में बढ़ोत्तरी की मांग सर्वथा उचित है। इस अवसर पर अध्यक्ष मदनपाल सिंह, रणबीर सिंह त्यागी, गोरधन दास, रिशीपाल, बालकिशन आर्य, ओंकार सिंह मलिक, रमेशचंद, सुरेशपाल तरार, रामपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
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