पश्चिम के एनसीआर जिलों को दिल्ली में जोड़ने की मांग
नव राज्य निर्माण महासंघ के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष रामपाल मांडी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों को एनसीआर में शामिल किया गया है, लेकिन जनता को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। इस मुद्दे पर...
नव राज्य निर्माण महासंघ के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष रामपाल मांडी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों को एनसीआर में शामिल तो कर दिया गया, लेकिन जनता को एनसीआर जैसी कोई सुविधा मुहैया नही कराई जा रही है। जिसको लेकर आगामी 11 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन किया जायेगा। रविवार को कस्बा बनत में नव राज्य निर्माण महासंघ के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष रामपाल मांडी ने महासंघ से जुडे लोगों की बैठक को संबोधित किया। उन्होने कहा कि नेता कहते कुछ है और करते कुछ है। वास्तविक स्थिति की जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों में जन चौपाल लगाकर लगाई जा सकती है। कहा कि उन्होने बागपत, मुजफ्फरनगर के बाद शामली में पहुंचकर समस्याओं को जानने का प्रयास किया। कहा कि जनपद शामली, मुजफ्फरनगर और बागपत एनसीआर क्षेत्र में तो आ गए, लेकिन एनसीआर की कोई सुविधा नही मिल रही है। अगर यह एनसीआर में न होते तो ईट का भाव न बढता, उद्योग बंद न होते। डीजल की गाडियों 15 साल तक चल पाती। सभी समस्याओं को लेकर आगामी 11 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन किया जायेगा। जिसमें उक्त जिलों को दिल्ली में शामिल करने की मांग की जायेगी। संभव न होने पर उत्तर प्रदेश के चार हिस्से कर अलग प्रदेश बनाने की मांग की जायेगी। उन्होने सभी से उक्त धरना प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आहवान किया। इस दौरान उन्होने कस्बा बनत निवासी प्रमोद पटवारी को महासंघ का जिलाध्यक्ष मनोनीत किया। इस अवसर पर निधि, सीमा मलिक, युनुस मंसूरी, योगेन्द्र शर्मा, सतीश, वीरेन्द्र, आशीष आदि मौजूद रहे।
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