Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़शामलीKartik Purnima Bath Preparations Begin Amid Safety Concerns at Yamuna River

खत्म करो इंतजार: यमुना में पक्का घाट की आस कब होगी पूरी

कार्तिक पूर्णिमा के स्नान की तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन कैराना में यमुना नदी पर कोई हलचल नहीं है। पक्का घाट न होने के कारण श्रद्धालुओं के डूबने की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन को घाट का निर्माण और...

Newswrap हिन्दुस्तान, शामलीFri, 8 Nov 2024 09:36 PM
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कार्तिक पूर्णिमा के स्नान की तैयारियां शुरू हो गई है लेकिन कैराना में यमुना नदी पर कोई हलचल अभी तक नजर नहीं आ रही है। जबकि कार्तिक स्नान हो या दशहरा हर साल ही यहां यूपी के साथ ही हरियाणा राज्य से भी लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते है लेकिन पक्का घाट अभी तक नहीं बन सका। इस कारण तमाम अव्यवस्थाओं के कारण यहां हादसे घटित होते है। प्रशासन तैराक आदि की व्यवस्थाएं तो कर देता है लेकिन घाट के पक्का न होने के कारण श्रद्धालुओं के डूबने की घटनाएं घटित हो रही है। कार्तिक पूर्णिमा, गंगा दशहरा समेत विभिन्न पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ यमुना नदी पर जुड़ती है। यूपी-हरियाणा सीमा पर यमुना नदी के होने के चलते दोनों प्रदेशों से श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिनके द्वारा स्नान कर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पक्के घाट न होने के कारण यहां हादसे घटित होते रहते है। श्रद्धालुओं को आभास नहीं होता है कि यमुना की कितनी गहराई है, जिस कारण वह कुंड में समा जाते हैं। पक्का घाट तो है ही नहीं, बल्कि पर्याप्त व्यवस्थाएं भी देखने को नहीं मिलती है। घाट पर चेतावनी बोर्ड भी नजर नहीं आते हैं। घाट पर स्थायी रूप से गोताखोरों की तैनाती और पक्का घाट के निर्माण की आवश्यकता है। कई बार इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पहल की गई लेकिन यह पहल सार्थक होती नजर नहीं आ रही है।

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इन्होंने कहा-

यमुना नदी पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। पक्का घाट पहले ही बन जाना चाहिए था, ताकि हादसों की रोकथाम हो सके।

- आलोक चौहान, अधिवक्ता कैराना।

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प्रशासन को इस ओर संज्ञान लेना चाहिए और इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजना चाहिए, जिससे कि घाट का निर्माण हो सके।

- शगुन मित्तल, अधिवक्ता कैराना।

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हम भी यमुना घाट पर जाते हैं, तो कोई व्यवस्था नहीं मिलती है। पक्का घाट बनेगा, तो कम से कम लोग निर्धारित दायरे में रहकर स्नान कर सकेंगे।

- गुरदीप सिंह, गांव बुच्चाखेड़ी।

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प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी पक्का घाट के प्रयास करने चाहिए। पक्का घाट बनेगा, तो ही श्रद्धालु हादसों से बच सकते हैं।

- अभिषेक चौहान, गांव बुच्चाखेड़ी।

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