14 दिन बाद इंग्लैंड से लेकर आए पिता के शव का गांव में लाकर किया अंतिम संस्कार
Shamli News - ब्रहमदत्त शर्मा, जो इंग्लैंड में निधन हो गए थे, की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पठानपुरा में किया जाए। उनके बेटों ने 14 दिन की प्रक्रिया के बाद उनका शव भारत लाया। अंतिम संस्कार...
मातृ भूमि की याद में बेटों ने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए पिता के इग्लैंड में निंधन होने के चौदल दिन बाद गांव में शव को लेकर आए। पिता की अंतिम इच्छा से शामली जिले में शव लाने के लिए 14 दिन का समय लगा। गमगीन माहौल में देर शाम अंतिम संस्कार किया गया।
गढ़ीपुख्ता थाना क्षेत्र के गांव राझड़ के मजरा पठानपुरा निवासी 100 वर्षीय ब्रह्मदत्त शर्मा पुत्र स्वर्गीय अमर सिंह, का तीन जनवरी को इंग्लैंड में निधन हो गया। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव पठानपुरा में किया जाए। पिता की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को इंग्लैंड से भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें कागजी औपचारिकताओं के कारण दो सप्ताह लग गए। शुक्रवार सुबह उनका शव उनके पैतृक गांव लाया गया और गमगीन-माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े बेटे विनोद शर्मा ने उन्हें मुखाग्नि दी। शुक्रवार को ब्रह्मदत्त शर्मा के भतीजे प्रभात शर्मा ने बताया कि स्वर्गीय शर्मा अपने तीन बेटों के साथ गाजियाबाद के मुरादनगर में रहते थे, जहां उनका सिनेमा हाल का व्यवसाय था। बाद में उनके तीनों बेटे इंग्लैंड चले गए और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय शुरू किया। अपने बेटों के बलुाने पर वह भी इंग्लैंड चले गए और वहीं पर उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाए। जब ब्रह्मदत्त शर्मा का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों और स्वजन ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ब्रह्मपाल दत्त शर्मा के तीन पुत्र है। तीनों ही पुत्र इंग्लैंड में अपने व्यवसाय के साथ जीवन आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन उनका पैतृक गांव हमेशा उनकी यादों को संजोए रखेगा।
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