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पिछले दो सालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मात्र एक क्लीनिक किया सील

Shamli News - स्वास्थ्य विभाग ने आरटीआई के तहत जानकारी दी है कि साल 2023 से दिसंबर 2024 तक थानाभवन विकास क्षेत्र में केवल एक क्लिनिक, ए आर क्लिनिक, फर्जी पाया गया है। इस पर कार्रवाई की गई है। स्वास्थ्य विभाग की...

Newswrap हिन्दुस्तान, शामलीWed, 11 Dec 2024 11:23 PM
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साल 2023 से दिसंबर माह 2024 तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा थानाभवन विकास क्षेत्र में मात्र एक क्लीनिक पर ही फर्जी पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। ऐसी जानकारी आरटीआई द्वारा सूचना मांगे जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होना स्वभाविक है। थानाभवन क्षेत्र निवासी मंजू सिंह ने आरटीआई में शामली जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जानकारी मांगी थी कि साल 2023 से लेकर साल 2024 दिसंबर माह तक थानाभवन विकास क्षेत्र में आपके द्वारा कितने हॉस्पिटल क्लिनिक एवं पैथोलॉजी लैब आदि संस्थाओं का निरीक्षण किया गया। जिसके जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि ऐसी कोई सूचना उनके पास उपलब्ध नहीं है। वहीं आरटीआई में जानकारी मांगी गई थी कि साल 2023 से सूचना उपलब्ध कराए जाने तक थानाभवन विधानसभा क्षेत्र में कितने क्लिनिक पैथोलॉजी हॉस्पिटल का नोटिस देना, सील करने की कार्रवाई की गई है जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि थानाभवन विधानसभा क्षेत्र में साल 2023 से अब तक मात्र एक क्लीनिक जिसका नाम ए आर क्लीनिक है को नोटिस देकर फर्जी पाए जाने पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वही आरटीआई में यह भी जानकारी मांगी गई थी थानाभवन विकास क्षेत्र में नियम विरुद्ध या फर्जी कितने हॉस्पिटल क्लिनिक या पैथोलॉजी लैब संचालित है। जिसके जवाब में कहा गया है कि ऐसी कोई सूचना कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। हैरान कर देने वाली जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि थाना भवन क्षेत्र में ही जब स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्जनों से ज्यादा क्लिनिक हॉस्पिटल एवं लैब आदि का निरीक्षण किया जाता है और उनमें घटनाएं सामने आने पर क्लीनिक को सील किया जाता है तो वह सील क्या मात्र कागजी खाना पूर्ति तक ही सीमित रहती है। क्या उसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता या इस तरह की कार्रवाई केवल दबाव बनाकर धन उगाही तक ही सीमित है। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने दर्जनों से भी ज्यादा क्लिनिको पर खबर प्रकाशित होने एवं कई बार ऐसे अस्पतालों जिनमे मरीज की उपचार के दौरान मौत हुई है मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया है। कई क्लिनिको को नोटिस भी दिया है। जानकारी के बाद तो यही बात सामने आई है कि स्वास्थ्य विभाग केवल फर्जीवाड़े से ऐसे औचक निरीक्षण एवं कार्रवाई करने की कागजी खानापूर्ति करता है। जिसका कोई रिकॉर्ड भी उसके पास मौजूद नहीं है। जबकि भूर्ण लिंग परीक्षण के मामले में पड़ोसी राज्य द्वारा भी जनपद शामली में छापेमारी कर भूर्ण लिंग परीक्षण करने वाले लोगों पर कार्रवाई की गई है। वहीं थानाभवन में भी इस संबंध में हरियाणा टीम द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है,लेकिन शामली स्वास्थ्य विभाग की कार्य शैली के चलते स्वास्थ्य विभाग के रजिस्टर मे मात्र एक ही क्लिनिक के खिलाफ कार्यवाही किये जाने कि सुचना दर्ज होना अपने आप मे बड़ा सवाल होना साबित करता है।

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