Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़शामलीFever Outbreak Villages and Cities Affected Rising Death Toll from Dengue and Typhoid

बुखार से तप रहा जिला वायरल से लेकर टाइफाइड़ का बढ़ रहा प्रकोप

गांव लुहारी में बुखार से तीन दिन में तीन मौतें हुई हैं। जिले में बुखार के कारण अब तक दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी है। अस्पतालों में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिनमें वायरल और टाइफाइड शामिल...

Newswrap हिन्दुस्तान, शामलीWed, 18 Sep 2024 04:52 PM
share Share

गांव से लेकर शहर बुखार से तप रहा है। अब तो बुखार जानलेवा साबित होने लगा है। लुहारी में तीन दिन से बुखार से जहां हर रोज एक मौत हो रही है वहीं जिले में अब तब बुखार से लगभग दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें कुछ संभावित डेंगू के भी मामले थे। कई गांव ऐसे है जहां जहां अधिकांश घर बुखार की चपेट है। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी में बुखार के मरीजों की भीड़ भी यहीं बयां कर रही है। चिकित्सकों के मुताबिक वायरल बुखार के साथ ही टाइफाइड बुखार लोगों को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। जिला अस्पताल की ही बात की जाए तो इसमें आने वाले बुखार के मरीजों में हर रोज ही 50 से 60 मरीज टाइफाइड के निकल रहे है। बुखार को लेकर ही हिन्दुस्तान ने पांच स्थानों पर पांच रिपोर्टरों ने बुखार के मरीजों की पड़ताल की है। हसनपुर लुहारी तीन दिन में तीन मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम भी तीसरे दिन गांव में पहुंची। प्रस्तुत

जिला अस्पताल में 350 बुखार के मरीजों में 60 को टाइफाइड

जिला अस्पताल में बुधवार को मरीजों की भीड़ थी। इनमें खांसी जुकाम के साथ ही बुखार के अधिक मरीज थे। जिला अस्पताल में ओपीडी से लेकर दवाइयों के वितरण काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लगी थी। चिकित्सक कर्मवीर सिंह ने बताया कि बुधवार को 1450 मरीजों की ओपीडी हुई। इनमें से करीब साढ़े तीन सौ मरीजों को बुखार की शिकायत थी। जांच की गई तो अधिकांश में वायरल मिला जबकि 60 मरीजों में टाइफाइड बुखार की पुष्टि हुई। इसके अलावा खांसी बुखार के मरीजों की संख्या भी काफी थी। चिकित्सको का कहना है कि इस मौसम में नमी होने की वजह से वातावरण में कुछ वायरस पैदा हो जाते है जिस कारण ये वायरस मनुष्य के सास या खाने पीने के माध्या से शरीर में प्रवेश कर जाते है और शरीर में खांसी जुखाम, बुखार , उल्टी दस्त जैसी बीमारियां भी उत्पन्न हो जाती है। वायरल बुखार चार पांच दिन में ठीक नहीं होता है तो उसमें टाइफाड बुखार के चांस बढ़ जाते है। इसमें मरीज के शरीर में दर्द से लेकर खांसी आदि की समस्या भी बन जाती है। इसका इलाज 21 दिन तक चलता है।

--------------------------------------------------------------

झिंझाना सीएचसी पर बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही

झिंझाना।

झिंझाना सीएचसी पर रोजाना बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सीएचसी पर कस्बे व क्षेत्र से रोजाना तीन सौ पचास से चार सौ मरीज आते हैं। जिसमें फिलहाल सार्वाधिक बुखार के मरीजों की संख्या अधिक बढ़ रही है। बुखार में टाइफाइड के मरीज अधिक है। सीएचसी पर ओपीडी देखने वाले डॉक्टर सुनील कुमार व डॉक्टर अशोक सैनी ने बताया कि बरसात के बदलते मौसम में बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें अधिकतर मरीज वायरल व टाइफाइड बुखार के आ रहे हैं। कुछ पांच से दस मरीज प्लेटलेटस गिरने के भी आते हैं,जिनको सीएचसी पर ही भर्ती कर इलाज करते हैं। जब उनको आराम लगता है, तो घर भेज देते हैं । उनका कहना है कि सामान्य रूप से बुखार में प्लेटलेटस कम हो जाती है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है।

------------------------------------------------------

थानाभवन क्षेत्र में भी वायरल बुखार और टाइफाइड का प्रकोप

थानाभवन। बुधवार को दिनभर बारिश के चलते सीएचसी अस्पताल में मरीजों की संख्या कम थी। इमरजेंसी वार्ड में बैठे चिकित्सक डा.डबराल ने बताया कि फिलहाल अस्पताल में प्रतिदिन 60 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें बुखार के मरीज अधिक है। जिनमें से दस से 15 मरीज टाइफाइड के निकल रहे है। इन्हें अस्पताल से पर्याप्त उपचार दिया जा रहा है। सभी मरीजों की मलेरिया व डेंगू की जांच कराई जा रही है। अभी तक मलेरिया या डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला है। चिकित्सक डबराल ने बताया कि टाइफाइड बुखार बैक्टीरिया रहित पेयजल पीने से होता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ जल ही पिए, बाहर का भोजन करने से बचे। जिससे टाइफाइड से बचा जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मलेरिया, डेंगू इस मौसम में अधिकतर होते हैं। उनके बचाव के लिए शरीर को ढककर ही घर से बाहर निकले। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है जो साफ स्थान पर रहता है साफ पानी में अंडे देता है। रात में या दिन में जब भी सोए मच्छरदानी लगाकर सोए। एंटी लारवा का छिड़काव करें।

वारयल बुखार, जुखाम सर्दी के मरीजों में हुआ इजाफा

कांधला। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लगी रही. इसमें 60 फीसदी सर्दी, खांसी और वायरल बुखार से पीड़ित मरीज थे. इस तरह के वायरल बुखार से ना सिर्फ बड़े बल्कि बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र में 400 लोगो ओपीडी की गई। जिसमें अधिकांश वायरल, टाइफाइड, जुखाम, नजला, खांसी, दर्द से पीड़ित थे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वायरल टाइफाइड बुखार से पीड़ित लोगों के रक्त जांच कर कर दवाई देकर उपचारित किया गया। चिकित्सा प्रभारी डॉ रामवीर सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 400 लोगों की ओपीडी की गई जिसमें अधिकांश मरीज वायरल, टाइफाइड, नजला, जुकाम खांसी के मिले। सभी बीमार लोगों को आवश्यक सावधानी बरतनी के साथ दवाई देकर उपचारित किया गया।

गांव हसनपुर में तीन दिन में तीन मौत के बाद पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

हसनपुर लुहारी। गांव हसनपुर लुहारी में बुखार बीमारी के चलते तीन दिनो मे तीन मौत होने से गांव में दहशत का माहौल बना। गांव मे वायरल बीमार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसा कुछ घर ही बचे होंगे जिसमें बुखार का कोई मरीज न होने। गांव में तीन दिन में एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया। इस दौरान मृतकों के परिजनों से भी जानकारी ली और उनके खून के नमूने भी लिए।

गांव हसनपुर लुहारी में वायरल बुखार का प्रकोप बढने के कारण बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुखार तीन दिन से हर रोज एक मौत हो रही है। इसमें पहले दिन मनोज कश्यप दूसरे दिन उदय कश्यप और तीसरे दिन आज एक महिला की मौत हुई है। बुधवार को स्वस्थ्य विभाग जागा ओर टीम गांव हसनपुर लुहारी बुखार से मृतकों के परिजनों के घर पहुंची और जानकारी ली। टीम ने परिवार के सदस्यों के खून के नमूनों की जांच की। इस दौरान घरों में एंटी लारवा का भी छिड़काव किया गया। टीम ने आसपास पचास मीटर के दायरे में घरों के लोगों की भी खून की जांच के लिए सैंपल लिए। ग्रामीणों का कहना था कि गांव में साफ सफाई न होने से मच्छरों के प्रकोप भी अधिक है। उन्होंने गांव में फोगिंग कराने की मांग की है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख