ट्यूबवेल का कनेक्शन न मिलने पर किसानों ने किया हंगामा
Shamli News - गांव आल्दी के किसानों ने ट्यूबवेल कनेक्शन की स्वीकृति न मिलने पर विद्युत विभाग के कार्यालय के बाहर हंगामा किया। किसानों ने एसडीओ पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया, जबकि एसडीओ ने इसे निराधार बताया।...
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खंड विकास क्षेत्र के गांव आल्दी में किसानों ने विद्युत विभाग के कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी ट्यूबवेल का कनेक्शन स्वीकृत न करने पर हंगामा करते हुए गहरा रोष प्रकट किया। हंगामा करने वाले किसानों ने एसडीओ पर कनेक्शन स्वीकृत करने के नाम पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है। हालांकि विद्युत विभाग के एसडीओ ने किसान के आरोप को निराधार बताया है। गांव आल्दी निवासी किसान अनिल पुत्र जगपाल की पूर्व कृषि जमीन स्थित है। किसान ने कृषि भूमि की सिंचाई के लिए लाखों रुपए खर्च कर ट्यूबवेल का बोरिंग कराया है। किसान के अनुसार उसने बिजली घर पहुंचकर ट्यूबवेल के कनेक्शन की स्वीकृति हेतु फीस जमा करने के बाद आवेदन किया था। जेई ने मौके पर टीम भेज कर सर्वे भी कराया था। बिजली कनेक्शन के लिए राशि जमा करवाने के बाद भी किसान को बिजली निगम कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पिछले एक माह से किसान लगातार विद्युत विभाग के चक्कर काट कर उच्च अधिकारियों से कनेक्शन स्वीकृत करने की कवायद कर रहा है। लेकिन अभी तक किसान के खेत पर ट्यूबवेल के कलेक्शन हेतु लाइन नहीं खींची गई। जिससे किसान के खेत पर खड़ी गेंहू की फसल सूखने के कगार पर है। शनिवार को मामले को लेकर पीड़ित किसान सहित अन्य किसानों ने विद्युत विभाग के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए आक्रोष व्यक्त किया। किसान सतीश कुमार का कहना है कि तत्काल कनेक्शन के लिए पैसे जमा करवाने के बावजूद भी बिजली निगम लापरवाही बरतता है। जहां बिजली निगम तत्काल कनेक्शन में इतनी लापरवाही दिखा रहा है तो आम कनेक्शनों में किसानों का क्या हाल होता होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बिजली निगम की लापरवाही के कारण ही किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। किसान अपने कनेक्शनों के लिए ईधर-उधर बिजली कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं और कर्मचारी उन्हें टालते रहते हैं। पीड़ित किसान का आरोप है कि कनेक्शन स्वीकृत कराने के नाम पर एसडीओ कांधला ने उनसे 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
इन्होंने कहा-
किसान के खेत पर लगा ट्यूबवेल बोरिंग 8 से 10 साल पुराना है। जब किसान को बोरिंग चलाने के लिए कहा गया तो किसान ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। किसान के कनेक्शन का एस्टीमेट बनाकर उच्च अधिकारी को भेज दिया गया है। जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। किसान द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है। बन्द बोरिंग पर कनेक्शन स्वीकृत कराने का दबाव बनाया जा रहा है। जो नियम विरुद्ध है।
गोपाल सिंह एसडीओ कांधला
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