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प्रतिष्ठा और तकनीकी पहलुओं में उलझा भाजू कट का हल

Shamli News - दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे पर भाजू में कट की मांग को लेकर भाकियू ने बेमियादी धरना शुरू किया है। किसान अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन ने तकनीकी कारणों से कट देने में असमर्थता जताई है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, शामलीWed, 11 Dec 2024 11:31 PM
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प्रतिष्ठा और तकनीकी पहलुओं में उलझा भाजू कट का हल

दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे भाजू में कट की मांग भाकियू काफी समय से करती आ रही है। तत्कालीन डीएम जगजीत कौर के समय किसानों की मांग को देखते हुए नेशनल हाइवे ऑथरिटी को प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन तकनीकी कारणों के चलते प्रस्ताव निरस्त कर दिया। छह सितंबर को नेशनल हाइवे के परियोजना निदेशक(पीडी) भाजू में समझाने भी आए थे उन्होंने कट देने में असर्थता प्रकट करते हुए सर्विस रोड का प्रस्ताव भी रखा था लेकिन भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रस्ताव खारिज कर दिया और अगले ही दिन सात सितंबर से बेमियादी धरने की शुरुआत कर दी गई थी। भाजू कट की मांग दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस हाइवे पर करीब दो साल से चली आ रही है। भाकियू इसको लेकर समय समय पर आंदोलन भी करती रही है। तत्तकालीन डीएम जगजीत कौर के समय नेशनल हाइवे के परियोजना निदेशक के मार्फत शासन को भेजा गया लेकिन उक्त प्रस्ताव को तकनीकी कारणों के चलते निरस्त कर दिया गया। तकनीकी कारणों के चलते भाजू में कट देने में प्रशासन ने भी असमर्थता प्रकट कर दी थी। गत छह सितंबर को पीडी हाइवे का रुका निर्माण कार्य प्रारंभ कराने के लिए भाजू पहुंचे इसका पता लगते ही किसान वहां पहुंच गए थे और उन्होंने निर्माण प्रारंभ नहीं होने दिया था। किसानों ने सात सितंबर से ही बेमियादी धरना शुरू कर दिया था। बीच का हल निकाने के लिए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से प्रशासन के अफसरों एवं पीडी की कई बार वार्ता भी हुई। इसी में पीडी नरेंद्र सिंह ने भाजू में कट देने में असमर्थता प्रकट करते हुए भाजू से सर्विस रोड के निर्माण का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इसे नामंजूर कर दिया। इस दौरान बेमियादी धरना चलता है। इसके लिए भाकियू ने मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर से भाजू कट तक पैदल एवं टैक्टर मार्च निकाला। 24 नवंबर से प्रारंभ पैदल मार्च 26 नवंबर को भाजू में पहुंचा और यहां महापंचायत आयोजित की गई। महापंचायत में नरेश टिकैत ने साफ कर दिया कि भाजू कट के अलावा किसान कोई भी बात मानने को तैयार नहीं है। भाजू कट किसानों की प्रतिष्ठा से जुड़ा है और इसे लेकर रहेंगे और जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक बेमियादी धरना जारी रहेगा। तब ये धरना जारी रहेगा।

प्रशासन की तकनीकी उलझन

भाजू में जहां पर कट की मांग हो रही है। प्रशासन का मानना है कि इसके छह- छह किलोमीटर की दूरी पर दो कट है। भाजू इनके बीच में पड़ता है। इसमें दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे पानीपत खटीमा हाइवे से होकर गुजर रहा है। वहां पर कट दिया गया है। दूसरा कट मेरठ करनाल हाइवे पर दिया गया है। भाजू से दोनों ही कट छह किलोमीटर के दायरे में है। इसलिए इससे पहले कट नहीं दिया जा सकता।

हक की लड़ाई में एक और किसान शहीद हो गया : राकेश टिकैत

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता किसान अपने हक को लेकर आंदोलन कर रहे है। हक की लड़ाई लड़ने में एक और किसान धीरेंद्र सिंह शहीद हो गया। किसानों की मांग वाजिब है। अन्य हाइवों पर कट दिए गए है तो फिर भाजू में क्यों नहीं। जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।

दोनों के बाहर होने से भाई नरेंद्र टिकैत हुए धरने में शामिल

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत दोनों ही जनपद से बाहर है। दोनों के बाहर होने के कारण उनके तीसरे भाई नरेंद्र टिकैत मृतक किसान को श्रद्धांजलि देने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे थे।

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